नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वनस्पति तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट खत्म कर दी है जिससे खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। स्टॉक लिमिट खत्म होने के बाद अब व्यापारी अपनी मर्जी के मुताबिक तेल और तिलहन का स्टॉक रख सकेंगे और ज्यादा स्टॉक रखने पर उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी।
वनस्पति तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट खत्म किए जाने की अधिसूचना बुधवार से लागू हो चुकी है, इस अधिसूचना के बाद व्यापारी अपनी मर्जी के मुताबिक तेल और तिलहन का स्टॉक रख सकेंगे। पहले सरकार ने राज्यों को तेल और तिलहन पर स्टॉक की एक लिमिट लगाने का अधिकार दिया हुआ था, राज्यों ने अपने यहां मांग और सप्लाई को ध्यान में रखते हुए तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लागू की हुई थी। लेकिन अब केंद्र ने स्टॉक लिमिट खत्म करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
दरअसल देश में रबी तिलहन की कीमतों में कमी देखी जा रही है और आगे चलकर खरीफ तिलहन की खेती भी शुरू हो गई है। किसानों ने बीते रबी सीजन में जो तिलहन पैदा किया है उसका भाव सरकार के तय के हुए समर्थन मूल्य से नीचे है और किसानों को समर्थन मूल्य पहुंचाने के लिए सरकार को खुद उनसे तिलहन खरीदना पड़ रहा है। लेकिन अब सरकार के पास भी भारी मात्रा में तिलहन का स्टॉक हो चुका है और वह ज्यादा तिलहन की खरीद नहीं कर सकती। ऐसे में दाम कम न हो, इसके लिए सरकार ने तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट खत्म की है।
सरकार ने किसानों के हित को देखते हुए यह कदम उठाया है लेकिन इससे उपभोक्ताओं पर मार पड़ सकती है। व्यापारी अपनी मर्जी के मुताबिक स्टॉक भरते हैं तो इससे खुले बाजार में सप्लाई प्रभावित हो सकती है और खाने के तेल के भाव बढ़ने की आशंका बढ़ जाएगी।