नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष (2018-19) में सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के साथ और 200 थोक मंडियों को ऑनलाइन मंच ईनाम से जोड़ेगी। रविवार को केंद्रीय कृषि सचिव एस के पट्टनायक ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंडियों के बीच आपस में लेनदेन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। मौजूदा समय में 14 राज्यों की 585 निगमित मंडियों को e-Nam से जोड़ा जा चुका है। यानि लोकसभा चुनावों से पहले तक देशभर में कुल 785 मंडियां e-NAM के साथ जुड़ी होंगी। केंद्र सरकार ने अप्रैल 2016 में e-NAM की शुरुआत की गई थी।
कृषि सचिव ने बताया कि इस प्रक्रिया में शुरुआती कुछ दिक्कतें आयीं लेकिन अब उनसे उबरा जा चुका है। अब e-NAM प्रणाली और अधिक स्थापित या स्थायी बन गई है। किसान इससे बहुत खुश हैं और अन्य राज्य सरकारों ने भी इसमें रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष इस प्रणाली से 200 और मंडियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है , लेकिन प्राथमिकता मंडियों के बीच आपस में ऑनलाइन कारोबार को बढ़ावा देने और गुणवत्ता को बेहतर करने को दी जाएगी।
एस के पटनायक के मुताबिक हम गुणवत्ता पर ध्यान देंगे और एक बार मंडियों के बीच आपस में ऑनलाइन कारोबार की स्थिति बन गई तो अन्य मंडियों को जोड़ना आसान हो जाएगा। e-NAM पर ऑनलाइन कारोबार वेबसाइट, उसके कारोबारी मंच या मोबाइल एप से किया जा सकता है। यह कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है।
अभी तक e-NAM के साथ 14 राज्यों के एक लाख से ज्यादा कारोबारी, 53163 कमीशन एजेंट और 73.50 लाख किसान जुड़ चुके हैं। यह 14 राज्य आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं।