नई दिल्ली। चने की लगातार घट रही कीमतों की मार से किसानों को बचाने के लिए सरकार इसपर आयात शुल्क बढ़ाने के अलावा अब निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार चने के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए करीब 7 प्रतिशत निर्यात प्रोत्साहन देने की घोषणा कर सकती है। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद चने की कीमतो को समर्थन मूल्य के ऊपर पहुंचाना है ताकि किसानों को उनकी फसल का अच्छा भाव मिल सके।
चने का भाव समर्थन मूल्य के नीचे
केंद्र सरकार ने इस साल बोनस को मिलाकर चने के लिए 4400 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है लेकिन देश की कई प्रमुख चना मंडियों में इसका भाव 3500 रुपए से भी नीचे है। चने का ज्यादातर उत्पादन मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में होता है, बुधवार को मध्य प्रदेश की पिपरिया मंडी में भाव 3350 रुपए, कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी में 3456 रुपए और महाराष्ट्र की अकोला मंडी में 3440 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है। जल्द ही देशभर की मंडियों में नई फसल के चने की आवक बढ़ जाएगी ऐसे में सरकार चने के भाव को ऊपर उठाने का प्रयास कर रही है ताकि किसानों को उनकी फसल का अच्छा भाव मिल सके।
इस साल चने का रिकॉर्ड उत्पादन
सरकार ने इससे पहले भी चने के आयात पर भारी आयात शुल्क लगा रखा है लेकिन देश में इस साल रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है जिस वजह से चने के भाव पर दबाव बना हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल देश में 111 लाख टन चना पैदा होने का अनुमान है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा।