नई दिल्ली। देश के 2 बड़े चना उत्पादक राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने रिकॉर्डतोड़ चने की खरीद की है। सरकारी एजेंसी नैफेड के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 6 जून तक एजेंसी ने देशभर में कुल मिलाकर 22,58,654 टन चने की खरीद की है। देश में कभी भी चने की इतनी ज्यादा सरकारी खरीद नहीं हुई है।
नैफेड सूत्रों के अनुसार 6 जून तक हुई कुल खरीद में सबसे अधिक मध्य प्रदेश से 1431675 टन और राजस्थान से 395318 टन चना खरीदा गया है। बाकी खरीद महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और उत्तर प्रदेश से हुई है। देशभर में कुल 1032299 किसानों से यह चना खरीदा गया है।
दरअसल चना समेत अधिकतर दलहन का भाव सरकार के तय किए हुए समर्थन मूल्य के नीचे है और अभी रबी सीजन के दलहन की आवक का मुख्य सीजन भी है और इस साल देश में दलहन की रिकॉर्ड पैदावार भी हुई है। ऊपर से इस साल मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। यही वजह है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर उनकी फसल खरीदी जा रही है।
सिर्फ चना ही नहीं बल्कि मसूर और सरसों की भी दबाकर खरीद हो रह है, नैफेड सूत्रों के मुताबिक अबतक करीब 2.19 लाख टन मसूर और 7.53 लाख टन सरसों की खरीद हो चुकी है। मसूर खरीद से करीब 1.57 लाख और सरसों खरीद से 3.20 लाख किसानों को लाभ हुआ है। रबी सीजन से पहले सरकार ने खरीफ तिलहन और दलहन की खरीद भी बढ़ाई है। इस साल 8.57 लाख टन से ज्यादा तुअर की खरीद हुई है। फसल वर्ष 2017-18 में पैदा हुए रिकॉर्ड 245 लाख टन दलहन में से सरकार लगभग 35 लाख टन की खरीद कर चुकी है जो अबतक की सबसे अधिक खरीदारी है।
केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2017-18 के लिए चने के लिए 4400 रुपए, मसूर के लिए 4250 रुपए, सरसों के लिए 4000 रुपए, तुअर के लिए 5450 रुपए, उड़द के लिए 5400 रुपए, मूंग के लिए 5575 रुपए, मूंगफली के लिए 4450 रुपए और सोयाबीन के लिए 3050 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने नए फसल वर्ष 2018-19 की खरीफ फसलों के लिए समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हो सकती है।