नई दिल्ली: सोने की कीमत में आज फिर जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। गिरावट के बाद 10 ग्राम सोने की नई कीमत भी जारी कर दी गई है। अगर आप भी सोना खरीदने की सोच रहे है तो या उसके नए रेट जानना चाहते है तो इस खबर में हम आपको इसकी जानकारी देंगे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमती धातु की कीमतों में गिरावट और रुपये की मजबूती के बीच राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सोना 124 रुपये गिरकर 46,917 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबार में सोना 47,041 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
चांदी 18 रुपये की मामूली गिरावट के साथ 66473 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले कारोबार में 66,491 रुपये प्रति किलोग्राम थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज, सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज), तपन पटेल के अनुसार, "कॉमेक्स में सोने की कीमतों में गिरावट और रुपये की मजबूती के साथ दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमतों में 124 रुपये की गिरावट आई।" सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 9 पैसे की तेजी के साथ 74.33 पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,808 डॉलर प्रति औंस पर और चांदी 25.47 डॉलर प्रति औंस पर सपाट रही।
हाजिर मांग से निकेल वायदा कीमतों में मजबूती
हाजिर बाजार में एलॉय निर्माताओं की मांग बढ़ने के कारण सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को निकेल वायदा भाव 0.59 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,492.80 रुपये प्रति किलो हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अगस्त माह में डिलीवरी होने वाले निकेल अनुबंध का भाव 8.70 रुपये यानी 0.59 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,492.80 रुपये प्रति किलो हो गया। इसमें 2,162 लॉट के लिये सौदे किये गये। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि हाजिर बाजार में एलॉय निर्माताओं की मांग बढ़ने के कारण मुख्यत: निकेल वायदा कीमतों में तेजी आई।
हाजिर मांग से तांबा वायदा कीमतों में तेजी
घरेलू हाजिर मांग में तेजी आने के बीच वायदा कारोबार में सोमवार को तांबा की कीमत 2.85 रुपये की तेजी के साथ 754.55 रुपये प्रति किलो हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अगस्त माह में डिलीवरी होने वाले अनुबंध के लिये तांबा का भाव 2.85 रुपये यानी 0.38 प्रतिशत की तेजी के साथ 754.55 रुपये प्रति किलो हो गया। इसमें 4,203 लॉट के लिये सौदे किये गये। बाजार विश्लेषकों ने तांबा वायदा कीमतों में तेजी आने का श्रेय हाजिर बाजार की मांग में तेजी के कारण कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने को दिया।