नई दिल्ली| सोने के गहनों की खरीदारी की योजना बनाने वालों के लिए अहम खबर... सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्किंग की अनिवार्यता से जुड़ी समयसीमा अब आगे नहीं बढ़ाई जाएगी यानि एक जून से देश में सिर्फ भारतीय मानक ब्यूरो की हॉलमार्किंग वाले आभूषणों की ही बिक्री होगी।
क्या है सरकार का हॉलमार्किंग से जुड़ा नियम
देश में आगामी जून महीने से सिर्फ 22 कैरट, 18 कैरट और 14 कैरट के सोने के गहने व कलाकृतियां बिकेंगी जिनमें बीआईएस की हॉलमार्किंग होगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव लीना नंदन ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से सोने के गहने व कलाकृतियों पर बीआईएस हॉलमार्किंग की अनिवार्यता एक जून से लागू करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि कोरोना काल में भी इसकी तैयारी लगातार चलती रही है। आईएएनएस से खास बातचीत में लीला नंदन ने कहा कि बीआईएस हॉलमार्किंग की अनिवार्यता जनवरी में ही लागू होने वाली थी, जिसे कोविड की वजह से ही आगे बढ़ाकर एक जून 2021 कर दिया गया जिससे ज्वैलर्स को तैयारी के लिए काफी समय मिल गया। उन्होंने कहा कि ज्वैलर्स भी इसके लिए अब तैयार हैं। सोने के गहनों व कलाकृतियों पर हॉलमार्क अनिवार्यता लागू करने की समयसीमा 15 जनवरी 2021 से बढ़ाकर एक जून 2021 करते हुए पिछले साल तत्कालीन केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान ने उस समय कहा था कि कोरोना महामारी के कारण आभूषण कारोबारियों को दिक्कतें आ रही हैं, इसलिए हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू करने की समय सीमा बढ़ाकर जून कर दी गई है।
क्या होगा ग्राहकों को फायदा
देश में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हॉलमार्किंग के ही आभूषण अनिवार्य होने से ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। दरअसल ग्राहकों की तरफ से सोने की शुद्धता को लेकर शिकायतें आम थी। जिसमें ज्यादा कैरेट की कीमत पर कम कैरेट के आभूषणों की बिक्री की शिकायतें थीं। हालांकि हॉलमार्किंग से इस तरह की धोखाधड़ी खत्म हो सकेगी। क्योंकि ग्राहक सोने की शुद्धता जान सकेंगे। वहीं इससे ईमानदारी से काम करने वाले ज्वैलर्स को भी फायदा मिलने की उम्मीद है।
क्या होती है हॉलमार्किंग
भारत में सोने की शुद्धता पर भारतीय मानक ब्यूरो नजर रखता है। ब्यूरो के मापदंडों के आधार पर ब्यूरो के द्वारा तय किए गए केंद्रों में आभूषण की जांच की जाती है जिसके बाद जांच की मुहर आभूषण पर लगती है, जिसे हॉलमार्किंग कहते हैं। इस हॉलमार्किंग में बीआईएस की मुहर, सोने की कैरेट की जानकारी, केंद्र का लोगो और हॉलमार्किंग कराने वाले की जानकारी सहित कुल 4 मार्किंग होती है। यानि जिस आभूषण पर हॉलमार्किंग लगी होती है उसे देखकर ग्राहक सोने के बारे सभी जानकारी पा सकता है, और धोखाधड़ी से बच सकता है।