नयी दिल्ली। देश का सोना आयात चालू वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-नवंबर अवधि में करीब सात प्रतिशत गिरकर 20.57 अरब डॉलर रह गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 22.16 अरब डॉलर था। सोने के आयात में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली। 2019-20 के अप्रैल-नवंबर में व्यापार घाटा कम होकर 106.84 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी अवधि में व्यापार घाटा 133.74 अरब डॉलर पर था।
सोने के आयात में इस साल जुलाई से ही नकारात्मक वृद्धि है। हालांकि अक्टूबर में यह करीब 5 प्रतिशत बढ़कर 1.84 अरब डॉलर और नवंबर में 6.6 प्रतिशत बढ़कर 2.94 अरब डॉलर रहा। भारत दुनिया में सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक है और मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए आयात किया जाता है। देश का सालाना स्वर्ण आयात 800-900 टन है। सरकार ने व्यापार घाटा और चालू खाते के घाटे पर सोने के आयात के नकारात्मक प्रभाव कम करने के लिये इस साल के बजट में पीली धातु पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, क्षेत्र में काम कर रही कंपनियां उच्च शुल्क के कारण अपना विनिर्माण आधार पड़ोसी देशों में स्थानांतरित कर रही हैं। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने आयात शुल्क में कमी की मांग की है। वहीं, रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल-नवंबर अवधि में करीब 1.5 प्रतिशत गिरकर 20.5 अरब डॉलर रहा। मूल्य के आधार पर देश का सोना आयात 2018-19 में करीब तीन प्रतिशत गिरकर 32.8 अरब डॉलर रहा। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 की जुलाई-सितंबर अवधि में चालू खाते का घाटा (कैड) कम होकर 6.3 अरब डॉलर या जीडीपी के 0.9 प्रतिशत पर रहा। एक साल पहले इसी समय यह आंकड़ा 19 अरब डॉलर यानी जीडीपी के 2.9 प्रतिशत पर था।