नई दिल्ली। व्यापार बाधाओं को लेकर बढ़ती चिंता के बीच इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक स्तर पर होने वाली गतिविधियों से निर्धारित होंगी। बाजार फिलहाल वैश्विक व्यापार तथा घरेलू राजनीतिक चिंताओं से प्रभावित है। बाजार विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कंपनियों की आय को लेकर तीसरी तिमाही के नतीजे ने कुछ राहत दी है। घरेलू बाजार का दीर्घकालीन परिदृश्य लगातार मजबूत बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार को लेकर बढ़ती चिंता, घरेल स्तर पर फंसे कर्ज का मुद्दा तथा आने वाले समय में विधानसभा चुनावों का बाजार पर प्रभाव होगा। इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक प्रमुख घटनाक्रम है जिसपर निवेशकों की निगाह होगी।
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक विकास जैन ने कहा कि एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक इस सप्ताह होने वाली है। वैश्विक बाजार के नजरिये से इस पर नजर होगी।
एसएएमसीओ सिक्योरिटीज के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियां नकारात्मक हैं और अल्पकाल में बाजार की दिशा तय करेंगी।
पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स131.14 अंक या0.39 प्रतिशत टूटा। वहीं एनएसई निफ्टी में31.70 अंक या0.30 प्रतिशत की गिरावट आयी। अकेले शुक्रवार को ही सेंसेक्स509.54 अंक नीचे आया।
एक्सिस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण ठुकरान ने कहा कि इस गिरावट के कारण घरेलू के साथ-साथ अंतररष्ट्रीय कारक भी हैं। वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध को लेकर चिंता उभरी है और बाजार को इस बात को लेकर चिंता है कि यह हाल में वैश्विक वृद्धि दर को लेकर जो स्थिति बेहतर हुई है, उसमें गिरावट आ सकती है। इसके अलावा तेलगु देशम पार्टी (तेदेपा) राजग से हट गई है, ऐसे में कुछ राजनीतिक अनिश्चितताएं भी पैदा हुई हैं।