नई दिल्ली। घरेलू इक्विटी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की होल्डिंग्स का मूल्य जून तिमाही के अंत तक बढ़कर 592 अरब डॉलर पहुंच गया है। इसमें मार्च तिमाही के मुकाबले 7 प्रतिशत की बढ़त रही है। ये जानकारी मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार के शानदार प्रदर्शन की वजह से ऐसा संभव हुआ है। मार्च तिमाही के अंत तक निवेश का कुल मूल्य 552 अरब डॉलर था। वहीं पिछले साल की जून तिमाही में घरेलू इक्विटी में एफपीआई निवेश 344 अरब डॉलर रहा।
रिपोर्ट के मुताबित कुल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में ऑफशोर म्युचुअल फंड्स का सबसे अहम हिस्सा रहा है। इसके साथ ही विदेशी इंश्योरेंस कंपनियां, हेज फंड्, और सॉवरेन वैल्थ फंड्स की भी हिस्सेदारी बेहतर रही है। जून 2021 में खत्म हुए तिमाही में एफपीआई ने 68 करोड़ डॉलर की शुद्ध खरीदारी की थी। वहीं मार्च तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 7.64 अरब डॉलर की खरीद की थी। खास बात ये है कि दूसरी लहर की शुरुआत के साथ विदेशी निवेशकों ने शेयरों में अप्रैल और मई के दौरान क्रमश: 1.29 अरब डॉलर और 39 करोड़ डॉलर की शुद्ध बिकवाली की थी। लेकिन जून में स्थिति में सुधार के साथ पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2.36 अरब डॉलर का निवेश किया। फेड के सतर्क रुख के बाद जुलाई में एक बार फिर विदेशी निवेशकों की सतर्क रुख देखने को मिला।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर के अर्थव्यवस्था और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर असर को देखने को लिये है विदेशी निवेशकों ने नये निवेश से दूरी बनाई। वहीं शेयरों की ऊंची वैल्यूएशन, तेल कीमतों मे बढ़त और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जुलाई के दौरान विदेशी निवेशक 1.51 अरब डॉलर मूल्य के बराबर का निवेश बाहर निकाला।