नई दिल्ली। विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों पर भरोसा बना हुआ है। अगस्त में अबतक निवेशकों ने भारत में शुद्ध रुप से 41,330 करोड़ रुपये का निवेश किया है। महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर की सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने राहत कदमों का ऐलान किया जिससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ गई है। इसी वजह से भारत जैसे बाजारों में इनके निवेश का प्रवाह भी बढ़ गया है।
जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 3 अगस्त से 21 अगस्त के बीच इक्विटी मार्केट में 40,262 करोड़ रुपये और डेट मार्केट में 1068 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इससे पिछले दो महीने में भी एफपीआई शुद्ध निवेशक बने हुए थे। जुलाई में उन्होने 3301 करोड़ रुपये और जून में उन्होने 24053 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। मॉर्निंग स्टार के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक दुनिया भर के बाजारो में बड़ी मात्रा में नकदी उपलब्ध है, और दूसरी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के साथ साथ इसका बड़ा फायदा भारत को मिल रहा है। उनके मुताबिक ये उभरते हुए बाजार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, और इनसे निवेशकों को बेहतर रिटर्न भी मिल रहा है। उन्होने साथ ही कहा कि जब विदेशी बाजारों में लिक्विडी का स्तर बना रहेगा भारत में निवेश भी जारी रहेगा।
वहीं घरेलू अर्थव्यवस्था में कारोबारी गतिविधियों के खुलने से भी निवेशकों के बीच सकारात्मक संकेत गए हैं। वहीं Groww के को-फाउंडर हर्ष जैन ने जानकारी दी कि एफपीआई अब ब्लू चिप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भी निवेश कर रहे हैं। आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए अब तक विदेशी निवेशक या तो सोने को या फिर ब्लू चिप स्टॉक्स को ही निवेश के लिए प्राथमिकता दे रहे थे। वहीं उन्होने कहा कि लॉकडाउन के 4 महीने बाद अब अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी तस्वीर मौजूद है और ये पिछली आशंकाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर है।