एडवाइजरीमंडी.कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशलेंद्र सिंह सेंगर ने कहा, एफपीआई मुख्य रूप से बॉन्ड बाजार में निवेश कर रहे हैं इसकी दो मुख्य वजहें हैं। सेबी ने सरकारी बॉन्डों में एफपीआई के निवेश की सीमा बढ़ाई है। वहीं बेंचमार्क 10 साल के सरकारी बॉडों से प्राप्ति सात माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने अप्रैल में शेयरों में शुद्ध रूप से 2,394 करोड़ रुपए डाले, वहीं उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार में 20,364 करोड़ रुपए का निवेश किया। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 22,758 करोड़ रुपए या 3.5 अरब डॉलर रहा।