ई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर में अब तक 1,086 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह में सुधार, आर्थिक गतिविधियों में तेजी और सकारात्मक विदेशी संकेतों सहित अन्य संकेतों को देखते हुए बाजारों में अपना निवेश बढ़ाया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस अवधि के दौरान शेयर बाजार में 5,245 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि उन्होंने बांड बाजार से 4,159 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उन्होंने 1,086 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। सितंबर में एफपीआई 3,419 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता रहे थे।
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि अक्टूबर में अब तक सकारात्मक घरेलू और विदेशी संकेतों ने शुद्ध प्रवाह में योगदान दिया है। जैन ने कहा, " आय के मामले उम्मीद के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन, जीएसटी संग्रह और अर्थव्यवस्था के सामान्य होने जैसी सकारात्मक वजहों से भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनने में मदद मिल रही है।" इसके अलावा, वैश्विक बाजार कोविड-19 से पहले के स्तरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसने भी निवेशकों की बाजारों को लेकर सेंटीमेट्मस सुधर गए हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाले समय में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा समायोजन जारी रखने से भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी निवेश का प्रवाह सुनिश्चित हो सकता है। श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, बढ़ते कोविड-19 संक्रमण और अमेरिका व चीन के बीच तनाव एफपीआई प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
वहीं शेयर बाजार से मिलने वाले संकेत काफी सकारात्मक बने हुए हैं। पिछले एक साल में बाजार में बढ़त का सबसे लंबा दौर देखने को मिला है। सेंसेक्स पिछले 7 सत्रों से बढ़त दर्ज कर रहा है। बढ़त के साथ ही बीएसई पर लिस्ट हुई सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य 160 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। भारतीय बाजारों के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए विदेशी निवेशकों के लिए घरेलू शेयर बाजार आकर्षक बने हुए हैं, जिसकी वजह से निवेश का प्रवाह बना हुआ है।