नई दिल्ली। विदेशों से काली कमाई को भारत लाने के लिए P-Note के जरिए निवेश की सुविधा का कथित तौर पर दुरुपयोग किए जाने के खिलाफ कार्रवाई में बाजार नियामक SEBI ने पांच विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारतीय नागरिकों को P-Note जारी किए जाने के मामले पकड़े हैं।
क्या है P-Note?
P-Note पंजीकृत निवेशकों द्वारा ऐसे विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो भारत में पंजीकरण कराने की जहमत से बचना चाहते है। P-Note भारतीय बाजार की प्रतिभूतियों के आधार पर विदेश में जारी किए जाते हैं।
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SEBI ने शुरू की पूछताछ
- इसके अलावा भारत में पंजीकृत चार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने ऐसे विदेशी नागरिकों को P-Note जारी किए हैं जिनके नाम भारतीय जैसे लगते हैं।
- SEBI ने उनसे पूछा है कि वे प्रवासी भारतीय (NRI) या भारतीय मूल के विदेशी नागरिक पीआईओ तो नहीं हैं।
- SEBI इसका ब्योरा मिलने के बाद इस मामले में आगे कार्रवाई करेगा।
विदेश से कालाधन लाने के नियमों को SEBI ने किया सख्त
- भारतीय प्रतिभूतियों को आधार बना कर विदेशों में जारी हुंडियों (डेरिवेटिव उत्पादों) के मामले में SEBI ने नियमों को कड़ा किया है ताकि इसके विदेश से कालाधन लाने का जरिया न बनाया जा सके।
- एक समय P-Note विदेशों से पोर्टफोलियो निवेश का बड़ा ही आकर्षक जरिया बन गए थे।
- लेकिन पिछले दस साल में भारत में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों के कुल पोर्टफोलियो निवेश में P-Note के जरिए आया निवेश 56 प्रतिशत से घट कर सात प्रतिशत से भी कम रह गया है।
- कालेधन की जांच को गठित समति ने भी P-Note से जुड़े निवेश पर सख्ती के लिए कहा था।
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SEBI ने सरकार को दी सूचना
- SEBI ने P-Note निवेश के असली लाभ प्राप्तकर्ताओं के बारे में सरकार को सूचनाएं दी हैं।
- भारतीय नागरिकों को P-Note जारी करने वाले विदेशी संस्थागत निवेशकों में अमेरिका, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बड़े वैश्विक बैंकों की अनुषंगी कंपनियां हैं।
- SEBI ने उन्हें ऐसे ग्राहकों को और P-Note जारी करने से मना कर दिया है तथा 31 दिसंबर 2020 तक उनके पूरे निवेश को नक्की करने को कहा है।
- सरकार को दी गई सूचना के अनुसार, अब भी दस विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक रह गए हैं जिन्होंने उनके द्वारा जारी P-Note के असली लाभार्थियों के बारे में जानकारी नहीं दी है।
- उन्हें 31 मार्च 2017 तक संबंधित सूचना देने को कहा गया है।
सेबी को पी-नोट के वास्तविक लाभार्थियों के बारे में सूचनाए नवंबर 2016 से मिलनी शुरू हुईं और उसने P-Note जारी करने वाले 38 पंजीकृत विदेशी संस्थानों (FPI) से मिली सूचना का विश्लेषण किया है।