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First Consignment of Indian Rice Ready to be Shipped to China
नई दिल्ली। दुनियाभर में चावल के सबसे बड़े उपभोक्ता चीन ने आखिरकार भारतीय चावल के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक शुक्रवार (28 सितंबर) को 100 टन गैर-बासमती चावल ( 5% ब्रोकन) की पहली खेप नागपुर से चीन को रवाना हो रही है। चीन में गैर बासमती चावल की यह खेप को चायना नेशनल सीरियल्स, ऑयल एंड फूडस्ट्फ कार्पोरेशन (COFCO) को डिलिवर की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून के दौरान चीन यात्रा के लिए चावल निर्यात को लेकर डील हुई थी।
चीन सबसे बड़ा आयातक और भारत सबसे बड़ा निर्यातक
चीन दुनियाभर में चावल का सबसे बड़ा उपभोक्ता और आयातक है लेकिन अबतक वह अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए भारत के बजाय दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से चावल का आयात करता रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत दुनियाभर में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है लेकिन अबतक चीन को चावल निर्यात नहीं कर पाया है। लेकिन अब भारत और चीन सरकार के बीच हुए समझौते के बाद पहली बार भारत से चीन को चावल का निर्यात होने जा रहा है।
5 महीने में भारत से 50 लाख टन चावल निर्यात
भारत के चावल निर्यात की बात करें तो वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले 5 महीने यानि अप्रैल से अगस्त 2018 के दौरान कुल 50.28 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जिसमें 18.54 लाख टन चावल बासमती है और 31.74 लाख टन गैर बासमती चावल है। अब क्योंकि भारत से चीन गैर बासमती चावल खरीदने जा रहा है तो ऐसे में भारत से चावल निर्यात में जोरदार बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
चीन करता है सालभर में 55 लाख टन चावल का आयात
अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक चीन ने 2017-18 के दौरान लगभग 55 लाख टन चावल का आयात किया है और इस साल यानि 2018-19 के दौरान भी चीन का आयात 55 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत क्योंकि चीन का पड़ौसी देश है और वह अब भारत से चावल आयात शुरू करने जा रहा है तो ऐसे में चीन में आयात होने वाले कुल 55 लाख टन चावल का बहुत बड़ा हिस्सा भारत से निर्यात हो सकता है।