नई दिल्ली। शेयर बाजार में अब सौदों के निपटान में लगने वाला वक्त सिर्फ एक दिन का रह जायेगा। दरअसल अगले साल से सौदों के निपटाने के लिये टी प्लस वन यानि वास्तविक सौदे से एक दिन के अंदर सेटलमेंट की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। शेयर बाजारों और उससे जुड़े अहम संस्थानों ने आज इस बारे में रोडमैप सामने रखा, जिसके मुताबिक नई व्यवस्था अगले साल 25 फरवरी से चरणबद्ध तरीके से शुरू की जायेगी।
टी प्लस वन का मतलब है कि वास्तविक लेनदेन होने के एक दिन के भीतर बाजार सौदों से संबंधित निपटान को मंजूरी देनी होगी। फिलहाल भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में टी प्लस 2 की व्यवस्था है यानि निपटान लेनदेन के बाद दो कार्य दिवसों में किया जाता है । रोडमैप के मुताबिक नई व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी जिसमें सबसे पहले छोटी कंपनियों को शामिल किया जाएगा। इसके मुताबिक 25 फरवरी से बाजार मूल्य के हिसाब से सबसे नीचे की 100 कंपनियों पर टी प्लस वन सिस्टम लागू होगा। वहीं मार्च 2022 से, इसके ऊपर ही 500 लिस्टेड कंपनियां टी प्लस 1 सेटलमेंट साइकिल में शामिल होंगी। इसके बाद, मार्च 2022 से, हर महीने के आखिरी शुक्रवार (व्यापार दिवस) पर, रैंक किए गए शेयरों की सूची से बढ़ते क्रम में आगे के 500 स्टॉक टी + 1 सेटलमेंट साइकिल में शामिल होंगे। यदि शुक्रवार को व्यापारिक अवकाश है, तो इसे तत्काल अगले कारोबारी दिन पर लागू किया जाएगा। ये फैसला मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन यानि शेयर बाजारों, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरीज के द्वारा मिल कर लिया गया है। सितंबर में ही सेबी ने शेयर बाजारों को इक्विटी सेग्मेंट की किसी भी सिक्योरिट में 1 जनवरी 2022 से टी प्लस 1 सेटलमेंट साइकिल शुरू करने की अनुमति दी, जिसके बाद आज मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन ने इसका रोडमैप सामने रखा है।
बयान के मुताबिक सभी लिस्टेड कंपनियों की रैंकिंग अक्टूबर 2021 के महीने में औसत दैनिक बाजार पूंजीकरण के आधार पर की जायेगी और इसके सबसे छोटे से बड़े के क्रम में नया सेटलमेंट सिस्टम लागू होगा। यदि एक स्टॉक दोनो एक्सचेंज में लिस्टेड है तो बाजार पूंजीकरण की गणना अक्टूबर के दौरान उच्चतम ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक की कीमत के आधार पर की जाएगी। वहीं अक्टूबर 2021 के बाद लिस्ट हुए किसी भी नये स्टॉक् की रैंकिंग ट्रेडिंग शुरू होने के 30 दिनों के औसत ट्रेडिंग मूल्य के आधार पर गणना किए गए बाजार पूंजीकरण के आधार पर तय होगी।