न्यूयॉर्क। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि वह सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी (सीमा शुल्क) खत्म करने की सिफारिश करेंगे, ताकि तस्करी पर रोक लग सके। उन्होंने कहा कि इससे काले धन को सोने के रूप में रखने पर भी रोक लगेगी। उन्होंने यह बात यहां भारत की आर्थिक नीति और प्रदर्शन पर दिए गए एक व्याख्यान में कही। अगर सरकार आयोग के उपाध्यक्ष की बात मान कर ड्यूटी खत्म कर देती है तो सोने की कीमतों में कमी आएगी।
पनगढ़िया ने कहा, “अगर देश में अवैध तरीके से सोना आता है, तो उसकी बिक्री भी यहां अवैध तरीके से ही होती है। इससे काला धन रखनेवाले लोग उससे सोना खरीदकर रखने लगते हैं।” इसलिए उन्होंने सोने पर से सीमा शुल्क समाप्त करने की सिफारिश की है, ताकि तस्करी रुक सके।
पनगढ़िया ने कहा, “रियल एस्टेट में बहुत सारा काला धन है और इसे रोकने के लिए एक चीज की जा सकती है कि जमीन हस्तांतरण पर स्टैंप शुल्क को कम किया जाए, जोकि कई राज्यों में दो अंकों तक वसूला जाता है।”
उन्होंने स्कॉटिश अर्थशास्त्री एडम स्मिथ के कथन का हवाला देते हुए कहा कि ‘अन्यायपूर्ण’ कराधान करचोरी के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि जहां भी स्टैंप शुल्क जरूरत से अधिक है, उन्हें काले धन में होनेवाले सौदों को रोकने के लिए इसे कम करना चाहिए। उपाध्यक्ष ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ढिलाई करती हैं, जिससे भी कानून को तोड़ने को प्रोत्साहन मिलता है।
तस्वीरों में देखिए सोने से जुड़े फैक्ट्स
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बड़े पैमाने पर कैश में कालाधन
- पनगढ़िया ने इस दावे को खारिज कर दिया कि नोटबंदी के बाद पुराने नोटों में केवल छह फीसदी धन ही काला धन था।
- उन्होंने कहा, “मैं नहीं समझता कि केवल छह फीसदी धन से इतना ज्यादा लेनदेन हो सकता है।
- देश के प्रमुख शहरों में पुरानी मुद्रा बड़े पैमाने पर बहुत छूट के साथ बेची गई।
- इसलिए मेरा मानना है कि मुद्रा का बहुत बड़ा हिस्सा काले धन के रूप में है।”
- उन्होंने पूछा, “अगर ये सफेद धन था, तो इतने बड़े पैमाने पर छूट पर इसकी बिक्री क्यों हुई।”