नई दिल्ली। बीते 15 दिन से भले ही बड़े बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी सीमित दायरे में कारोबार कर रहे हो लेकिन मिडकैप कंपनियों के शेयरों वाला निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा उछल गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक नोटबंदी के जितने बड़े असर की आशंका लगाई जा रही थी वो अभी तक कंपनियों की आय पर देखने को नहीं मिली है। साथ ही, नोटबंदी के बाद आए घरेलू आर्थिक सुधार से उत्साहित होकर बड़े इन्वेस्टर्स मिडकैप शेयरों में जमकर खरीदारी कर रहे है। लिहाजा इन्वेस्टर्स अच्छे फंडामेंटल और लगातार ग्रोथ दिखा रहे शेयर NCC, दीवान हाउसिंग, फेडरल बैंक पर दांव लगा सकते है।
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क्यों है मिडकैप शेयरों में खरीदारी का मौका
एंजेल ब्रोकिंग के वैभव अग्रवाल का कहना है कि अगले 2-3 साल में सिर्फ मिडकैप में ही आउटपरफॉर्मेंस देखने को मिलेगी और ये दिग्गजों से बेहतरीन रिटर्न देंगे। लॉजिस्टिक सेक्टर, माइक्रोफाइनेंस सेक्टर, पीएसयू बैंकिंग सेक्टर, डिफेंस सेक्टर जैसे 3-4 सेक्टर पर पॉजिटीव नजरिया बना हुआ है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के टेक्निकल हेड धर्मेश शाह के मुताबिक बीएसई मिडकैप इंडेक्स अनचार्टेड टेरिटरी में चला गया है, जो बुलिश इंडिकेटर है। हमें लगता है कि मिडकैप इंडेक्स सेंसेक्स को आउटपरफॉर्म करता रहेगा। इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी इन शेयरों में बढ़ी है।
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(1) NCC खरीदें
- HDFC सिक्युरिटी के हाल में जारी रिपोर्ट में NCC के शेयर पर खरीदारी की सलाह दी गई है।
- रिपोर्ट के मुताबिक एनसीसी हैदराबाद की कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी है।
- पहले इस कंपनी का नाम नागाजुर्न कंस्ट्रक्शन था।
- कंपनी बिल्डिंग, सड़क, सिंचाई, बिजली, रेलवे सेक्टर में काम करती है।
- वहीं खाड़ी देशों में भी कंपनी काम करती है। एनसीसी, देश की टॉप 3 कंपनियों में शामिल है।
क्यों खरीदें
- कंपनी की ऑर्डर बुक अच्छी है। इस साल की पहली छमाही में कंपनी को 5356 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं। सितंबर तिमाही के अंत में कंपनी की ऑर्डर बुक करीब 18595 करोड़ रुपए हो जाएगी।
- कंपनी माइन डेवलपमेंट कारोबार में उतरी है। कंपनी को पश्चिम बंगाल से 34500 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है।
- दूसरी तिमाही के अंत में कंपनी पर 2060 करोड़ रुपये का कर्ज था। ग्रुप कंपनियों को दिया हुआ कर्ज 33% घटा है। इंडिया रेटिंग्स ने कंपनी की रेटिंग ए3+ से बढ़ाकर ए2 की है।
- प्रोमोटर के पास कंपनी की 19.74 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं एफआईआई के पास 23.03 फीसदी और डीआईआई के पास 22.20 फीसदी हिस्सेदारी है। राकेश झुनझुनवाला के पास कंपनी का 10.22 फीसदी हिस्सा है। वहीं अजीम प्रेमजी की इन्वेस्टमेंट कंपनी के पास 3.73 फीसदी हिस्सा है।
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(2) दीवान हाउसिंग खरीदें
- जियोजित BNP पारिबा ने हाल में जारी रिपोर्ट में 358 रुपए के लक्ष्य निर्धारित किए है।
- दीवान हाउसिंग होम लोन देने का कारोबार करती है। टियर-2, टियर-3 शहरों में कंपनी की पकड़ मजबूत है।
- वहीं, मिड सेगमेंट होम लोन में कंपनी की अच्छी पैठ है। कंपनी फर्स्ट ब्लू होम फाइनेंस के विलय के बाद बड़े होमलोन बाजार में भी उतरी है।
क्यों खरीदें
- ब्रोकरेज के मुताबिक कंपनी के लोन बुक में आगे भी 21 फीसदी की ग्रोथ रहेगी और मुनाफा 24 फीसदी की दर से बढ़ता रहेगा। इन्वेस्टर्स के बीच कंपनी की जबरदस्त शाख है। अगस्त में कंपनी का 4000 करोड़ रुपए का बॉन्ड इश्यू पहले दिन ही रिकॉर्ड 5 गुना बिका है।
- कंपनी में प्रोमोटर्स की 39.30 फीसदी, एफपीआई की 26.37 फीसदी, एलआईसी की 2.71 फीसदी और राकेश झुनझुनवाला की 3.19 फीसदी शेयर होल्डिंग है। कंपनी का पीई 8 गुना है और पीएबीवी 1.4 गुना है। कंपनी की लोन बुक ग्रोथ अच्छी है। होमलोन में 70 फीसदी, एलएपी में 15 फीसदी और प्रोजेक्ट लोन में 12 फीसदी लोन बुक है।
- कंपनी के होम लोन सेगमेंट में ग्रोथ सबसे ज्यादा है और डिफॉल्ट सबसे कम हैं। सरकार का हाउसिंग पर फोकस कंपनी के लिए फायदेमंद हैं। कर्ज सस्ता होने से होम लोन की डिमांड में उछाल आ सकता है।
(3) फेडरल बैंक खरीदें
- ब्रोकरेज हाउस एडलवाइस की रिपोर्ट में कंपनी के शेयर पर 100 रुपए के लक्ष्य तय किए गए है।
- फेडरल बैंक, कोच्चि, केरल की निजी क्षेत्र की बैंक है जो 1931 में बनी थी।
- पिछले साल अक्टूबर में ही बैंक की 1 लाख करोड़ की बैलेंसशीट थी।
- ये बैंक 25 राज्यों और 5 केंद्र शासित राज्यों में कामकाज करती है।
- कंपनी में म्युचुअल फंड की 27.47 फीसदी, एफपीआई की 26.64 फीसदी, एलआईसी की 2.39 फीसदी, जीआईसी की 1.7 फीसदी हिस्सेदारी है।
- राकेश झुझुनवाला के पास कंपनी का 2.34 फीसदी है।
- लूलू ग्रुप के युसुफ अली के पास 3.73 फीसदी, आईएफसी के पास 2.24 फीसदी और अमानसा होल्डिंग्स के पास 4.3 फीसदी हिस्सा है।
क्यों खरीदें
- बैंक के एनपीए में लगातार कमी आ रही है।
- तीसरी तिमाही में महीने दर महीने आधार पर बैंक का ग्रॉस एनपीए 2.78 फीसदी घटकर 2.77 फीसदी रहा है।
- वहीं, नेट एनपीए 1.69 फीसदी से घटकर 1.58 फीसदी रहा है।
- तीसरी तिमाही में बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 30 फीसदी और लोन ग्रोथ 32 फीसदी रहा है।
- तमाम ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2017, वित्त वर्ष 2018 के लक्ष्य बढ़ाया है।