नई दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण के रुख, टीकाकरण की रफ्तार और विदेशी संकेत इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। बाजार के जानकारों ने यह राय जताते हुए कहा कि इसके अलावा घरेलू मोर्चे पर ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं है, जिससे बाजार दिशा ले सकें।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
- रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘सप्ताह के दौरान बाजार भागीदारों की निगाह मानसून की प्रगति पर रहेगी। साथ ही 11 जून को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े आने हैं। संक्रमण के मामलों में कमी के मद्देनजर बाजार राज्यों द्वारा अंकुशों में और ढील की उम्मीद कर रहा है।’’
- जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कोविड-19 के मामलों में कमी के चलते बाजार लघु से मध्यम अवधि में अपनी जुझारू क्षमता को कायम रखेगा। अप्रैल माह के विनिर्माण और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं।’’
- रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में निवेशकों की निगाह संक्रमण के मामलों और टीकाकरण की रफ्तार पर रहेगी।’’
- सैमको सिक्योरिटीज की इक्विटी शोध प्रमुख निराली शाह ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार वैश्विक स्तर पर जिंसों और शेयरों के उतार-चढ़ाव के अनुरूप प्रदर्शन करेंगे।’’
- विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा कच्चे तेल के दाम, रुपये का उतार-चढ़ाव और विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश का रुख भी बाजार की दिशा तय करेगा।
क्या है मुख्य संकेत
सप्ताह के दौरान बाटा इंडिया, गेल, सेल, भेल और डीएलएफ जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद आएंगे। इसके अलावा सप्ताह के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पेट्रोनेट एलएनजी और एनएचपीसी के तिमाही परिणाम भी आने हैं।