नई दिल्ली। आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) के माध्यम से भारतीय कंपनियों ने इस साल अब तक रिकॉर्ड 57,000 करोड़ रुपए का फंड जुटाया है। लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा लगभग 45,000 करोड़ रुपए प्रमोटर्स और अन्य मौजूदा शेयरधारकों के पास गया। केवल 20% कोष का इस्तेमाल कंपनियों की वृद्धि और विस्तार योजनाओं में होगा। शेयर बाजारों से मिले IPO आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में अब तक कुल 31 कंपनियों ने IPO से रिकॉर्ड 56,870 करोड़ रुपए का फंड जुटाया है। इसका लगभग 80% (45,755 करोड़ रुपए) कंपनियों के मौजूदा शेयरधारकों के पास गया है। इससे कंपनियों के पास 11,115 करोड़ रुपए ही नई पूंजी के तौर पर बचा है।
इससे पहले पूरे वर्ष 2010 में 37,535 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड फंड IPO से जुटाया गया था। कंपनी के प्रमोटर्स और प्राइवेट इक्विटी धारकों समेत अन्य मौजूदा निवेशकों को गया फंड का हिस्सा उन्हें उनके शेयरों की बिक्री से मिला है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिल्पा कुमार ने कहा कि इसमें भी रोचक बात यह है कि करीब 35,000 करोड़ रुपए की राशि बीमा क्षेत्र की कंपनियों ने जुटाई है। इसका पूरा श्रेय बीमा क्षेत्र नियामक IRDAI के पूंजी जुटाने के नियमों में ढील देने को जाता है।
इस साल IPO से पूंजी जुटाने में सबसे ऊपर भारतीय साधारण बीमा निगम रहा है जिसने 11,372 करोड़ रुपए जुटाए। इसके बाद न्यू इंडिया एश्योंरेंस ने करीब 9,600 करोड़ रुपए, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने 8,400 करोड़ रुपए और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने 5,700 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।
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