नई दिल्ली। कोल इंडिया का दिसंबर तिमाही में कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 21.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3085 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया है। पिछले साल की इसी तिमाही में प्रॉफिट 3922 करोड़ रुपये के स्तर पर था। हालांकि पिछली तिमाही के मुकाबले कंपनी का प्रॉफिट 4.5 प्रतिशत बढ़ा है। सितंबर तिमाही में कोल इंडिया को 2951 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था।
तिमाही के दौरान कारोबार से आय 2.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23686 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले साल की दिसंबर तिमाही में कंपनी की कारोबार से आय 23190 करोड़ रुपये के स्तर पर थी। कंपनी के कुल खर्च तिमाही के दौरान करीब 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19592 करोड़ रुपये के स्तर पर रहे हैं। तिमाही के दौरान कंपनी की अन्य आय पिछले साल के मुकाबले 54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 648 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गए। वहीं कर्मचारियों पर खर्च पिछले साल के मुकाबले 5 प्रतिशत घटा है, वहीं कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों पर खर्च 18.4 प्रतिशत बढ़ गया है। तिमाही के दौरान कंपनी ने 15.7 करोड़ टन कच्चे कोयले का उत्पादन किया है, जो कि एक साल पहले की इसी तिमाही में 14.7 करोड़ टन के स्तर पर था।
कंपनी ने हाल ही मे ऐलान किया था कि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को संशोधित कर 13,000 करोड़ रुपये कर दिया है। कंपनी ने अपने लक्ष्य में 3,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से कहा है कि वे आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए अपने व्यय में बढ़ोतरी करें। कोल इंडिया ने बयान में कहा कि 2020-21 के 10,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। कुल 3,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश में सीआईएल की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सब्सिडियरी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.का हिस्सा करीब 800 करोड़ रुपये है। इसमें सीआईएल मुख्यालय का हिस्सा 585 करोड़ रुपये और महानदी कोलफील्ड्स लि.का हिस्सा 550 करोड़ रुपये है। सेंट्रल कोलफील्ड्स लि.का अतिरिक्त व्यय में हिस्सा 460 करोड़ रुपये है।