इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा काफी हद तक बजट के असर से तय होगी। इसके अलावा निवेशकों की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा, अर्थव्यवस्था से जुड़े आर्थिक आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी रहेगी। शनिवार को बजट से निराश शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली थी। सेंसेक्स 988 अंक टूटकर बंद हुआ। बाजार के जानकारों के मुताबिक बजट बाजार की उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहा, जिससे निवेशक निराश हैं।
बाजार के जानकारों की माने तो शेयर बाजार को बजट में ग्रोथ तेज करने वाले उपायों और आय बढ़ाने के लिए ठोस कदमों की उम्मीद थी। आनंद राठी एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा कि वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाले कदमों की कमी से बजट बाजार की उम्मीदों पर पूरा नहीं उतरा। उनके मुताबिक नयी आयकर व्यवस्था कर छूट वाली इक्विटी बचत योजनाओं के लिए नकारात्मक है। वहीं जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि आयकर बदलाव रियायतें छोड़ने की शर्तों के साथ आए हैं, जिससे बाजार निराश हुआ। इससे बीमा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे के लिए जो लचीलापन दिखाया गया है, वह सकारात्मक है, लेकिन इसका विस्तार अगले वित्त वर्ष तक करने से बाजार को और भरोसा मिल पाता।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बजट पेश हो चुका है। ऐसे में सभी निगाह तिमाही नतीजों और निकट भविष्य के वैश्विक घटनाक्रमों पर रहेगी। रिजर्व बैंक बृहस्पतिवार को बजट के बाद की अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा पेश करेगा। वहीं विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं। सप्ताह के दौरान भारती एयरटेल, ल्यूपिन, सनफार्मा और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के तिमाही नतीजे आएंगे। अगर ये संकेत बेहतर रहे तो उम्मीद है कि बाजार बजट के झटके से उबर सकता है।