नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के गिरते दामों को लेकर सोमवार को भारतीय घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली। 30 शेयरों वाला बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1941.67 अंक या 5.17 प्रतिशत गिरकर 35,634.95 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 538.00 अंक या 4.90 प्रतिशत लुढ़ककर 10,451.45 अंक पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को एक साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के करीब 8 लाख करोड़ रुपए साफ हो गए हैं। गिरावट का कारण कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता बताया जा रहा है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के चलते बाजार पर भारी दबाव देखा जा रहा है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा करीब 30 प्रतिशत गिरकर 32.11 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया। दोपहर 1 बजकर 16 मिनट पर सेंसेक्स 2311.68 (6.15 प्रतिशत) अंकों की गिरावट के साथ 35264.94 अंक पर कारोबार कर रहा है। आज सेंसेक्स 36950.20 पर खुला था और शुरुआती कारोबार में 36950.20 के उच्च स्तर पर गया था और 35210.36 के निम्न स्तर पर गया था। पिछले 6 कारोबारी सेशन में दूसरी बार सेंसेक्स में इतनी बड़ी तेजी आई है। सेंसेक्स 20 सितंबर 2019 के बाद अपने सबसे लोएस्ट लेवल पर ट्रेड कर रहा है।
वहीं निफ्टी फिलहाल 1 बजकर 22 मिनट पर 643.00 अंक यानि 5.85 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 10,346.45 अंक पर कारोबार कर रहा है। शुरुआती कारोबार में आज निफ्टी 10,742.05 अंक पर खुला था जो 10,751.55 अंको के उच्चर स्तर तथा 10,327.05 के निम्न स्तर तक गया था।
निफ्टी गिरकर 7 महीने के निचले स्तर पर
बड़ी गिरावट के बाद सोमवार को निफ्टी 7 महीने के निचले स्तर पर आ गया। निफ्टी 50 भी 500 से ज्यादा अंक टूटकर 10,600 के अपने मनोवैज्ञानिक लेवल से नीचे आ गया है। दिसंबर 2018 के बाद निफ्टी सबसे निचले स्तर पर है। वहीं निफ्टी बैंक इंडेक्स गिरकर 20 सितंबर 2019 के बाद पहली बार 27,000 के नीचे आ गया है।
ऊर्जा बाजार में प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच कीमतों को काबू में करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाने और इसके बाद प्रमुख निर्यातक सऊदी अरब द्वारा कीमत यु्द्ध छेड़ देने के चलते ये गिरावट आई। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक सकल आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.84 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,543.78 करोड़ रुपए की शुद्ध लिवाली की। सेंसेक्स में सबसे अधिक 11 प्रतिशत गिरावट ओएनजीसी में देखी गई। इंडसइंड बैंक, आरआईएल, पावरग्रिड, टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई और टेक महिंद्रा भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। एकमात्र सन फार्मा के शेयर में बढ़त देखने को मिली।
कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल के देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। कारोबारियों ने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। शंघाई शेयर बाजार में 2.41 प्रतिशत, हांगकांग में 3.53 प्रतिशत, सियोल में 3.89 प्रतिशत और टोक्यो में 5.65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को कोरोनावायरस और यस बैंक संकट के चलते सेंसेक्स 893.99 अंक यानि 2.32 प्रतिशत नीचे गिरकर 37,576.62 के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी 279.55 अंक यानि 2.48 प्रतिशत नीचे गिरकर 11,000 के नीचे पहुंच गया। निफ्टी 10,989.45 अंकों पर बंद हुआ था।