नई दिल्ली। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने ब्रोकिंग और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को अपने SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग की इजाजत दे दी है। BSE के इस कदम से ऐसी कंपनियां भी IPO मार्ग का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित होंगी। नए नियमों से इन कंपनियों की पूंजी तक पहुंच आसान हो जाएगी और उनकी गतिविधियां और बढ़ेंगी। उनके लिए ग्रोथ के अवसर पैदा होंगे तथा वर्तमान शेयरधारकों को निकलने का एक रास्ता भी मिलेगा। पहले, ऐसी कंपनियों को BSE के SME प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने की अनुमति नहीं थी।
ब्रोकिंग कंपनियों के लिए सूचीबद्ध होने की शर्त रखते हुए BSE ने कहा है कि इन निकायों के पास नवीनतम ऑडिटेड वित्तीय नतीजों में कम से कम तीन करोड़ रुपए की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए। साथ ही IPO के बाद कंपनी की चुकता पूंजी (पेड-अप कैपिटल) कम से कम तीन करोड़ रुपए होनी चाहिए। यह भी पढ़ें : SME कंपनियों ने 2016-17 में IPO से जुटाए 811 करोड़ रुपए, दो कंपनियों ने दिया 21.63 लाख रुपए का जुर्माना
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के पास कम से कम 100 करोड़ रुपए की शुद्ध संपत्ति (बुक वैल्यू) होनी चाहिए और उनके कम से कम 10,000 ग्राहक होने चाहिए। साथ ही शर्त यह भी है कि ऐसी कंपनियों ने लोगों से जमा के रूप में पैसा नहीं लिया हो। यह भी पढ़ें : MSME के लिए नकद ऋण सीमा बढ़ाकर की गई 30 प्रतिशत, डिजिटलीकरण करने पर मिलेगी सुविधा