नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ज्वैलर्स को बड़ा झटका दिया है। वहीं ग्राहकों के लिए खुशखबरी है। अब ज्वैलर्स आपको 22 कैरेट के नाम पर 18 ये 14 कैरेट सोने की ज्वैलरी नहीं बेच जाएगा। बीआईएस ने 1 जनवरी से सभी प्रकार की गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्क का निशान लगाना जरूरी कर दिया है। जानी ज्वैलर्स नए साल में 22,18 और 14 कैरेट की ज्वैलरी बिना हॉलमार्क के नहीं बेच सकेंगे।
7 अन्य कैटेगरी की ज्वैलरी के लिए हॉलमार्क नहीं जरूरी
- इन 3 कैटेगरी (22, 18 और 14 कैरेट) के अलावा भी 7 और कैटेगरी में ज्वैलर्स ज्वैलरी बेचते हैं जिनमें हॉलमार्क का निशान जरूरी नहीं होगा।
- देश में सबसे अधिक ज्लैवरी की बिक्री 22, 18 और 14 कैरेट की ज्वैलरी की ही होती है।
- बीआईएस ने ग्राहकों के हित की रक्षा करने के लिए यह कदम उठाया है।
- ज्वैलर्स 22 कैरेट बोल कर ग्राहकों को 18 और 14 कैरेट गोल्ड की ज्वैलरी बेच देते हैं।
तस्वीरों में देखिए इन छोटी जगहों पर भी हो रहा है Paytm का इस्तेमाल
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ज्वेलरी पर बढ़ेंगे मेकिंग चार्जेज
- नया नियम लागू होने के बाद ज्वैलर्स को 22, 18 और 14 कैरेट की तैयार ज्वैलरी को गलाकर दोबारा नए सिरे से बनाना होगा।
- इससे सोने की ज्वैलरी पर मेकिंग चार्जेज बढ़ेंगे।
- देश में 22,18, 14 के अलावा 7 और कैटेगरी में ज्वैलरी बिक रही है।
- कई बार सोने की शुद्धता बरकरार नहीं रहती।
- हॉलमार्क का निशान ना होने से ग्राहक ठगे जाते हैं।
- इसलिए अक्सर ग्राहक सोने की शुद्धता पर सवाल उठाते हैं।