नई दिल्ली। शेयर बाजार अपने रिकॉर्ड स्तरों के करीब बना हुआ है, जिसमें लगातार निवेशकों को कमाई हो रही है। हालांकि बाजार में ऊंचा रिटर्न पाना एक या दो महीने का खेल नही है, अगर यहां समझदारी के साथ धैर्य रखा जाए तो बेहद ऊंचे रिटर्न पाए जा सकते हैं। एक ऐसे ही स्टॉक बजाज फाइनेंस के रिटर्न के आगे बाकी सभी रिटर्न फेल हैं। इसने 2004 से अब तक यानि 17 साल में 58 हजार प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। यही नहीं पिछले 5 साल में रिटर्न 8 गुना से ज्यादा है।
जानिए क्या थी 2004 के दौरान स्टॉक की कीमत
साल 2004 की जनवरी में स्टॉक 8.5 रुपये के करीब ही रहा। साल 2004 में ही स्टॉक पहली बार दहाई के अंक में आया और वहीं 2005 के अंत तक ही स्टॉक 4 गुना हो गया। साल 2004 में ही बजाज ऑटो फाइनेंस से इंटेल पेंटियम 4 पीसी के फाइनेंस के लिए समझौता किया गया था। 2010 में बजाज ऑटो फाइनेंस का नाम बदलकर बजाज फाइनेंस कर दिया गया।
क्या है आज स्टॉक की कीमत
फिलहाल स्टॉक 5000 रुपये के स्तर से ऊपर कारोबार कर रहा है। बुधवार के कारोबार में स्टॉक 5028 के स्तर पर बंद हुआ है। हालांकि महामारी के दौरान स्टॉक 5000 रुपये के स्तर से लुढ़कर 1700 के स्तर तक आ गया था, लेकिन ये एक बाऱ फिर अपने ऊपरी स्तरों पर वापस पहुंच गया है।
क्या होता अगर निवेशक स्टॉक में लंबी अवधि का निवेश करता
- अगर 2004 के दौरान किसी निवेशक ने बजाज फाइनेंस के शेयर में 20 हजार रुपये का निवेश किया होता तो उसे 2352 या उससे ज्यादा शेयर मिले होते। इन शेयरों की आज कुल कीमत 1 करोड़ 17 लाख रुपये या फिर उससे कहीं ज्यादा होती।
- यही नहीं 2010 की पहली छमाही मे स्टॉक में लगाए गए एक लाख रुपये बढ़कर अब तक 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुके हैं।
- वहीं बीते 5 साल में स्टॉक में किया गया 1 लाख रुपये का निवेश 8 लाख रुपये से ज्यादा का हो चुका है।
क्या है ये निवेश स्ट्रैटजी
बाजार के जानकार मानते हैं कि अगर मैनेजमेंट मजबूत है और कंपनी का बाजार में नाम है साथ ही वो भविष्य की तकनीक और ट्रेंड पर आगे बढ़ रही है तो उसमें लंबी अवधि में जुड़े रहने पर काफी मुनाफा हो सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, विप्रो, हैवेल्स जैसे कुछ स्टॉक भी इसी कैटेगरी में आते हैं जिन्होंने अपने निवेशकों की छोटी रकम को बड़े खजाने में बदल दिया है।
(यहां एक स्टॉक के लंबी अवधि के रिटर्न की उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर गणना की गई है, ये कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले बाजार के जोखिम को जान लें, उसके बाद ही निवेश का फैसला लें)