Hyundai IPO GMP: हुंडई इंडिया मोटर का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। ये भारत का सबसे बड़ा आईपीओ, जिसके तहत कंपनी 27,870.16 करोड़ रुपये जुटाएगी। कंपनी ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 1865 रुपये से 1960 रुपये का प्राइस रेंज तय किया है। ये आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस बेस्ड है, जिसके तहत कंपनी के प्रोमोटर्स 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले कुल 14,21,94,700 शेयर जारी करेंगे। भारत के इस सबसे बड़े आईपीओ के जीएमपी प्राइस में बीते कई दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
570 रुपये से गिरते-गिरते 45 रुपये पर आया जीएमपी प्राइस
हुंडई इंडिया मोटर आईपीओ के जीएमपी प्राइस में 89 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है और ग्रे मार्केट में शेयरों का प्रीमियम 570 रुपये से गिरते-गिरते 45 रुपये (3 प्रतिशत) पर आ गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि हुंडई मोटर इंडिया के शेयरों को ग्रे मार्केट में भाव मिलना ही बंद हो गया?
फुली ओएफएस
हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस बेस्ड है, जिसमें कंपनी की पैरेंट कंपनी दक्षिण कोरिया की हुंडई 14.21 करोड़ शेयर बेचेगी। इस आईपीओ से भारतीय यूनिट यानी हुंडई इंडिया को कोई इनकम नहीं मिलेगी। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि इस आईपीओ से आने वाले पैसों का भारतीय यूनिट के डेवलपमेंट पर तुरंत इस्तेमाल नहीं होगा।
हाई वैल्यूएशन
हुंडई मोटर इंडिया ने शेयरों के लिए 1960 रुपये का अपर प्राइस रेंज फिक्स किया है, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयरों की प्राइसिंग काफी ज्यादा है। हुंडई अपने FY25 अर्निंग्स के 26x PE की मांग कर रही है, जबकि मारुति सुजुकी अपने FY25 इनकम के 22x PE पर ट्रेड कर रही है। हुंडई इंडिया द्वारा मांग की जा रहा PE, इंडस्ट्री के एवरेज 24.41x से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं, हुंडई मोटर इंडिया की पैरेंट कंपनी का PE सिर्फ 5x है।
मैन्यूफैक्चरिंग में आने वाली संभावित समस्याएं
हुंडई मोटर इंडिया अभी अपने सभी पैसेंजर व्हीकल्स और पार्ट्स को चेन्नई के प्लांट में बनाता है। महाराष्ट्र के तालेगांव प्लांट में मैन्यूफैक्चरिंग शुरू होने के बाद अगर विनिर्माण में किसी तरह की भी कोई समस्या या रुकावट आई तो कंपनी के ओवरऑल रिजल्ट्स और फाइनेंशियल कंडीशन्स पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।