HDFC Bank की सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के माध्यम से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी में आरंभिक दस्तावेज जमा कराए हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) में बुधवार को दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ 2,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों के नए निर्गम और प्रवर्तक एचडीएफसी बैंक द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (OFS) का संयोजन है। वर्तमान में, एचडीएफसी बैंक के पास एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में 94.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो बैंक की एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) इकाई है।
आईपीओ से मिले पैसे का कहां इस्तेमाल करेगी कंपनी?
कंपनी ने अपने टियर-1 पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए नए निर्गम से प्राप्त आय का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है। यह व्यवसाय वृद्धि को समर्थन देने के लिए अतिरिक्त उधार सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं का समर्थन करेगा। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को सूचीबद्ध करने का निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक के अक्टूबर, 2022 में लिए आदेश के बाद लिया गया है, जिसके तहत ऊपरी स्तर की एनबीएफसी को तीन साल के भीतर शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना आवश्यक है।
इसी महीने मिली थी मंजूरी
इसी महीने एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी अनुषंगी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज से संबंधित 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) सहित 12,500 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री को मंजूरी दी थी। प्रस्तावित आईपीओ के बाद, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज लागू नियमों के प्रावधानों के अनुपालन में बैंक की अनुषंगी कंपनी बनी रहेगी।
ब्रिगेड होटल वेंचर्स ने दस्तावेज दाखिल किए
दक्षिण भारत में होटलों की मालिक और डेवलपर ब्रिगेड होटल वेंचर्स लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से 900 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी में आरंभिक दस्तावेज जमा कराए हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ पूरी तरह से इक्विटी शेयरों के नए निर्गम पर आधारित है और इसमें कोई बिक्री पेशकश (ओएफएस) नहीं है। इस निर्गम से प्राप्त 481 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग कर्ज भुगतान में किया जाएगा, 412 करोड़ रुपये कंपनी को तथा 69 करोड़ रुपये इसकी प्रमुख अनुषंगी कंपनी एसआरपी प्रोसपेरिटा होटल वेंचर्स लिमिटेड को आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा, 107.52 करोड़ रुपये का उपयोग प्रवर्तक बीईएल से भूमि का अविभाजित हिस्सा खरीदने के लिए किया जाएगा, और शेष धनराशि का उपयोग अधिग्रहण, अन्य रणनीतिक पहलों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों में किया जाएगा। कंपनी आईपीओ पूर्व नियोजन के जरिए 180 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है। अगर नियोजन किया जाता है, तो निर्गम का आकार कम हो जाएगा।