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रेलवे ट्रैक पर क्यों होते हैं ये छोटे-छोटे पत्थर, कारण जानकर आप भी करेंगे इंजीनियरों की तारीफ

रेलवे पटरियों पर छोटे-छोटे प्लांट्स के न होने के कारण उस जमीन को खराब होने से रोकती है जिस पर रेलवे लाइन चलती हैं। पत्थर किसी भी प्लांट्स को पटरियों पर नहीं उगने देते। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: February 16, 2023 6:00 IST
Pebbles on Railway Track- India TV Paisa
Photo:CANVA रेलवे ट्रैक पर पत्थर क्यों होते हैं

Railway Track: रेलवे ट्रैक पर छोटे-छोटे कंकड़ मिलना बहुत आम बात है और लगभग हम सभी ने उन्हें देखा है। हालांकि, पटरियों के बीच और दोनों तरफ कंकड़ होने के कई कारण हैं। इन छोटे-छोटे पत्थरों को ट्रैक गिट्टी कहा जाता है और ये रेल की पटरियों को जगह पर रखने में मदद करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन रेलवे ट्रैक पर ये छोटे छोटे पत्थर क्यों होते हैं। दरअसल इन पत्थरों का रेलवे ट्रैक पर होना बहुत महत्वपूर्ण हैं। आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे।  

जानते हैं इन ट्रैक पर मौजूद कंकड़ के क्या फायदे हैं-

हम सभी जानते हैं कि ट्रेन कितनी भारी होती है। पटरियों के ऊपर डिब्बों की इतनी भारी सीरीज के गुजरने से भारी कंपन होता है, जो तेज आवाज के साथ-साथ आस-पास की स्ट्रक्चर और बिल्डिंग के लिए खतरा हो सकता है। यहीं पर ये नुकीले पत्थर काम आते हैं। उन्हें कस कर पकड़ते हैं और उन्हें बहुत अधिक कंपन करने से रोकते हैं।

इसके अलावा, रेलवे पटरियों पर छोटे-छोटे प्लांट्स के न होने के कारण उस जमीन को खराब होने से रोकती है जिस पर रेलवे लाइन चलती हैं। पत्थर किसी भी प्लांट्स को पटरियों पर नहीं उगने देते।
इसके अतिरिक्त, ट्रैक गिट्टी जमीन को बहुत नरम होने से और पानी को बार-बार ट्रैक पर आने से रोकने का भी काम करते हैं। हालांकि यह पूरी तरह से पानी को रेल की पटरियों पर जाने से नहीं रोक पाते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए पटरियों के नीचे या आसपास ड्रेनेज को सक्षम करता है ताकि पानी वहां जमा न हो।

गिट्टी के अलावा स्लीपर के कई फायदे हैं-

रेलवे ट्रैक पर इन छोटे-छोटे पत्थरों के अलावा कंक्रीट की लंबी प्लेट भी लगी होती हैं, जिन पर पटरियां बिछाई जाती हैं। इन्हें स्लीपर कहा जाता है। ट्रैक रोड़े भी इन स्लीपरों को स्थिरता प्रदान करते हैं। जब ट्रेन गुजरती है तो स्लीपर और गिट्टी का कंबीनेशन ही उसका वजन रहता है और किसी भी दुर्घटना की संभावना को कम करता है।
अगर कंकड़ और स्लीपर न हो तो ट्रेन को संभालना नामुमकिन हो जाता है। ट्रेन की पटरियों पर कंकड़ और स्लीपर होने का यही मुख्य कारण है। 

 

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