VR यानी वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल भले ही गेम में ज्यादा होता दिखता हो पर सिर्फ वीडियो गेम्स ही वो टेक्नॉलजी नहीं है जहां वर्चुअल रियलिटी का यूज होता है। बहुत से ऐसे सेक्टर्स हैं जहां वर्चुअल रियलिटी ने बहुत मदद की है और आने वाले समय में बेहतर होती वीआर टेक्नॉलजी इसे और ज्यादा उपयोगी बना रही है। वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल मिलिट्री ट्रेनिंग में लंबे समय से चल रहा है। यूनाइडेट स्टेट्स और इंग्लैड की नैवी, आर्मी,मरीन और एयरफोर्स लंबे समय से ट्रेनिंग में वीआर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा तो ये होता है की वर्चुअल रियलिटी में ट्रेनिंग लेने के बाद सोल्जर्स को किसी भी प्रकार के फिजिकल डैमेज या एक्सीडेंट से नहीं गुजरना पड़ता है। वर्चुअल रियलिटी ट्रेनिंग पूरी तरह सेफ होती है और ट्रेनिंग के बाद सोल्जर्स इस वर्चुअल ट्रेनिंग को पूरी तरह फील कर पाते हैं।
सिविलियन्स के लिए स्पोर्ट्स ट्रेनिंग में भी वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल होने लगा है। इसका भी कुछ हद तक वही फायदा है जो मिलिट्री ट्रेनिंग में होता है कि स्पोर्ट्स पर्सन को किसी प्रकार की चोट नहीं लगती। साथ ही ट्रेनिंग इतनी इंटेन्स होती है कि ट्रेन होता प्लेयर अगर किसी पोजीशन पर खुद को फिट नहीं मान रहा है तो वो बार-बार एक ही चीज की प्रैक्टिस कर सकता है।
एजुकेशन के लिए तो वर्चुअल रियलिटी बहुत ही बढ़िया ऑप्शन है। इससे समय और स्पेस दोनों की बहुत बचत होती है। वीआर बॉक्स लगाकर स्टूडेंट सिर्फ किताब में थ्योरी समझने की बजाए वर्चुअली प्रैक्टिकल भी समझ सकते हैं। इस तरह टीचर्स का टाइम भी बचता है, किताबों का स्पेस भी कम होता है और क्लास रूम का बोझ भी कुछ हद तक कम होता ही है।
इसके साथ ही फैशन इंडस्ट्री में भी वर्चुअल रियलिटी की अब एक खास भूमिका बनती जा रही है। फैशन और डिजाइन से जुड़े अनुभवों को वीआर के द्वारा ही चेक कर लिया जाता है और जबतक पूरी तरह से डिजाइन पास न हो, तबतक फिजिकल बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
आने वाले समय में वर्चुअल रियलिटी के द्वारा खोई हुई यादों, बिगड़ी हुई फोटो अल्बम्स या शादी की पुरानी हो चुकी वीडियो कैसेट्स को भी वर्चुअल रियलिटी के द्वारा देखा जा सकेगा। आने वाले समय में अनिमेशन क्वालिटी इतनी बेहतर हो जाएगी कि असली और वर्चुअल का फर्क बताना भी मुश्किल हो जाएगा। दिनों दिन आगे बढ़ती वर्चुअल रियलिटी की टेक्नॉलजी सच और कल्पना का भेद ही खत्म कर देगी।