अगर आप अपने घर के लिए नया टेलीविजन, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे घरेलू उपकरणों और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने की सोच रहे हैं तो जल्दी कीजिए। लगभग सभी बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां मई के अंत या जून के पहले हफ्ते से तीन से पांच प्रतिशत तक कीमतें बढ़ा सकती हैं। इन कंपनियों ने लागत में हो रही वृद्धि का भार खरीदारों पर डालने की तैयारी शुरू कर दी है।
उद्योग के सूत्रों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में मूल्यह्रास से भी विनिर्माताओं की परेशानी बढ़ी है क्योंकि आयातित कलपुर्जे महंगे हो गए हैं और यह उद्योग महत्वपूर्ण कलपुर्जों के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है। बता दें कि यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोपीय देशों से मैटल और जरूरी इलेक्ट्रॉनिक पार्ट की कमी हो गई है। जिसके चलते कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं।
शंघाई का लॉकडाउन लाया आफत
चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण लगाए गए सख्त लॉकडाउन की वजह से शंघाई बंदरगाह पर कई पोत खड़े हैं। ऐसे में कलपुर्जों की कमी की समस्या बढ़ गई है और विनिर्माताओं के भंडार पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे कई उत्पाद जो बहुत हद तक आयात पर निर्भर हैं, बाजार से गायब हैं।
डॉलर की मजबूती से आयात हुआ महंगा
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण विनिर्माता संघ (सिएमा) ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से उद्योग के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं। सिएमा के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने कहा, ‘‘कच्चे माल की कीमतें पहले से बढ़ रही हैं और अब अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है तो रुपया कमजोर, ऐसे में सभी विनिर्माताओं को न्यूनतम लाभ का अनुमान है। जून के बाद से कीमतें तीन से पांच फीसदी बढ़ेंगी।’’
सभी प्रकार के कंज्यूमर ड्यूरेबल पर मार
वॉशिंग मशीन से लेकर एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर तथा अन्य घरेलू उपकरणों पर होगी। कुछ एसी विनिर्माता मई में ही कीमतें बढ़ा चुके हैं, बाकी के इस महीने के अंत या जून में दाम बढ़ाएंगे। ब्रेगेंजा ने कहा कि डॉलर के मुकाबले अगर रुपया 77.40 के स्तर पर रहता है, तो विनिर्माताओं को मूल्य संतुलन बनाना होगा। हालांकि, अगर अगले दो हफ्ते में यह 75 रुपये के पहले वाले स्तर तक पहुंच जाता है तो ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी।
पैनासोनिक से लेकर हायर तक ने खड़े किए हाथ
पैनासॉनिक इंडिया और दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मनीष शर्मा ने कहा कि लागत का दबाव लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, कंपनी प्रयास कर रही है कि उपभोक्ताओं पर इसका कम से कम असर हो। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार मूल्यवृद्धि जनवरी, 2022 में की गई थी। हालांकि, जिंसों की बढ़ती कीमतों के चलते विभिन्न उत्पादों की कीमतें चार से पांच फीसदी तक बढ़ाई जा सकती हैं।
हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष सतीश एन एस ने कहा
शंघाई में लॉकडाउन के कारण कलपुर्जों की आपूर्ति बाधित हुई है जिसका असर जून से दिखना शुरू हो जाएगा। एसी और फ्लैट पैनल वाले टीवी पर बहुत असर रहेगा, जबकि रेफ्रिजरेटर पर इसका कम प्रभाव पड़ेगा।