Technology Trends in 2023: टेक्नोलॉजी ने इंसान के जीवन को बहुत आसान बना दिया है। बीते कुछ सालों में हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और 5जी जैसी तमाम टेक्नोलॉजी को उभरते देखा है। अब साल 2023 भी नई टेक्नोलॉजी के लिहाज से बहुत खास रहने वाला है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल कुछ खास टेक्नोलॉजीस काफी ट्रेंड में रह सकती हैं। आइए आपको इनके बारे में विस्तार से बताते हैं।
Advanced Artificial Intelligence
बीते कुछ समय से हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को कई चीजों के साथ जुड़ते देखा है। अब 2023 में इसे नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की तैयारी है। इस साल Introducing Advanced Artificial (AAI) को पेश किया जा सकता है, जो जो कंप्यूटिंग, पैटर्न रिकग्निशन और मशीन लर्निंग को पूरी तरह बदल देगा। इसका उद्देश्य बिना किसी मैनुअल हस्तक्षेप के प्रोसेस को एंड-टू-एंड ऑटोमेशन पर ले जाना है।
Metaverse और Web 3.0
नए साल 2023 में Metaverse और Web 3.0 यूजर के अनुभव को पूरी तरह बदल सकते हैं। इस वर्ष AR/VR, AI/ML, IoT, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचैन एकसाथ मिलकर इसे ज्यादा कनेक्टेड और सुरक्षित बनाएंगे। यह एक ऐसी वर्चुअल दुनिया होगी, जिसे लोग एक रियल लाइफ में देख सकेंगे। जैसे कि रहने के लिए आलीशान घर, वर्चुअल सड़कें, रेल और कार।
Superapps
2023 सुपर ऐप्स का भी साल हो सकता है, जिनके जरिये यूजर एक ही ऐप से कई चीजों को कंट्रोल कर सकेगा। टेक्नोलॉजी रिसर्च कंपनी Gartner के मुताबिक, आने वाले समय में दुनियाभर के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा डेली एक्टिव यूजर्स सुपर ऐप्स का इस्तेमाल करेंगे। यह ऐप बिजनेस या अकाउंट के साथ लिंक होंगे। आप यहां एक ही ऐप की मदद से सेविंग्स अकाउंट, क्रेडिट कार्ड, फंड, स्टॉक, ग्रॉसरी और इंश्योरेंस पॉलिसी को ट्रैक कर सकेंगे।
Digital Immune System
आने वाले समय में लोग डिजिटल इम्यून सिस्टम टेक्नोलॉजी भी देखेंगे। यह टेक्नोलॉजी सिस्टम फेलियर की समस्या को दूर करेगी और बिजनेस परफॉर्मेंस को बेहतर बनाएगी। डिजिटल इम्यून सिस्टम AI-ऑग्मेंटेड टेस्टिंग, साइट रिलायबल इंजीनियरिंग (SRE) और सॉफ्टवेयर सप्लाई चेन सिक्योरिटी को संयोजित करके बिना किसी बाधा के सेवाओं को सुनिश्चित करता है।
Applied Observability
अप्लाइड ऑब्जर्वेब्लिटी आपके स्मार्ट डिवाइस में पैटर्न रिकग्निशन को नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाएगा। यह टेक्नोलॉजी सिस्टम के आंतरिक संचालन को मॉनिटर करता है और इनकमिंग अनस्ट्रक्चर्ड डेटा को इकट्ठा करके समस्या का पता लगाता है और पैटर्न बनाने में मदद करता है। यह सब रियल टाइम डेटा के साथ सेकेंडों में होगा।