टोल बूथ पर अब फास्टैग का इस्तेमाल होता है। हालांकि टोल बूथ पर इसका इस्तेमाल होने के बाद भी जाम की समस्या होती है। यही कारण है कि सरकार इस विषय पर नए नियम बनाने के साथ साथ एक बड़ा बदलाव ला सकती है। एक ऐसी सुविधा आने वाली है जिसकी मदद की अब लंबे जाम की समस्या दूर हो जाएगी। अब टोल कलेक्शन के लिए ANPR(ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर) कैमरा लेकर आ रहे हैं जिससे जीपीएस-आधारित टोल सिस्टम को लागू करने की तैयारी कर रही है। आइए जानते हैं कि ये कैमरा कैसे काम करता है।
ऐसे काम करता है ANPR जीपीएस कैमरा
ये कैमरा सिस्टम से गाड़ी के लाइसेंस प्लेट को रीड करने के बाद टोल टैक्स गाड़ी मालिक के बैंक अकाउंट से अमाउंट काट लिया जाएगा। ये कैमरा टोल पर आने और जाने के रास्ते पर एंट्री गेट पर लगा रहेगा। ऐसे होने से बहुत सारा समय बचेगा और ये फास्टैग से बेहतर विकल्प है।
ऐसा इसलिए हो रहा है ताकि लोगों का बहुत सारा समय और पेट्रोल बचता है। आईआईएम कलकत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी लाइन रहते हैं जिससे तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये तक का तेल वेस्ट होता है। साथ ही ट्रैफिक के कारण लोगों को देर हो जाती है। यही कारण है कि सरकार जल्द ही ANPR कैमरा सिस्टम शुरू कर सकती है।
नंबर प्लेट में भी होगा बदलाव कर सकते हैं। खबर के मुताबिक नई नंबर प्लेट में गाड़ी नंबर के साथ जीपीएस भी लगा सकते हैं। यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट ने नई नंबर प्लेट में जीपीएस लगाने का आदेश दे दिया है। इसके अलावा पुरानी कार के नंबर प्लेट में भी जीपीएस लगाने की बात की जा रही है। आपको बता दें कि टोल बूथ पर एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा, जिससे आसानी से टोल बूथ पर पैसे कट जाएंगे।
फिलहाल सरकार भी टोल प्लाजा को लेकर नए नियम लागू करने वाली है जिसमें अगर किसी गाड़ी को टोल गेट पर 10 सेकंड से अधिक का समय लगता है तो वो बिना टोल दिए जा सकता है। साथ ही टोल गेट से 100 मीटर की दूरी पर एक पीले रंग की पट्टी लगाई जाएगी जिससे ये चेक किया जाएगा कि उस पट्टी के बाहर तक गाड़ी की लाइन न लगे।