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Smart Speaker: अगर घर में है स्मार्ट स्पीकर तो हो जाए सावधान, हो सकती है ये मुसीबत

स्मार्ट स्पीकर वॉयस कमांड पर काम करते हैं। इसलिए वे हमेशा चालू रहते हैं। ऐसे में किसी शब्द को गलत तरीके से समझने पर कोई और एक्शन भी ली जा सकती है। जैसे किसी गलत व्यक्ति को कॉल या मैसेज करना, या कुछ गलत खेलना या कोई गलत सामान खरीदना।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: February 06, 2023 16:00 IST
Smart Speaker- India TV Paisa
Photo:CANVA स्मार्ट स्पीकर है तो हो सकती है मुसीबत

Smart Speaker: इन दिनों अमूमन हर व्यक्ति के घर में स्मार्ट स्पीकर जैसे डिवाइस होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये स्पीकर्स आपकी प्राइवेसी के लिए कितना बड़ा खतरा हैं, जो सिर्फ वॉयस कमांड से काम करते हैं। अगर नहीं तो हम आपको यहां बताने जा रहे हैं। कई एक्सपर्ट ने इस मामले को लेकर जांच की है। साथ ही ये भी बताया है कि इससे प्राइवेसी को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

स्मार्ट स्पीकर वॉयस कमांड पर काम करते हैं। इसलिए वे हमेशा स्टार्ट रहते हैं। ऐसे में किसी शब्द को गलत तरीके से समझने पर कोई और एक्शन भी की जा सकती है। जैसे किसी गलत व्यक्ति को कॉल या मैसेज करना, या कुछ गलत खेलना या कोई गलत सामान खरीदना। ऐसे में साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि आप अपनी माइक को हमेशा म्यूट पर रख सकते हैं। आप स्पीकर के माइक को मैन्युअल रूप से भी बंद कर सकते हैं।

आपके पास वेक शब्द को बदलने का विकल्प भी है। यानी ओके गूगल, हे सिरी और एलेक्सा जैसे वेक वर्ड्स को बदलकर आप कुछ अलग रख सकते हैं।

स्मार्ट स्पीकर सब कुछ रिकॉर्ड करते हैं

आपको बता दें कि जैसे ही आप अपने स्मार्ट स्पीकर पर आवाज लगाते हैं, यह सब कुछ रिकॉर्ड करके अपने डेटाबेस में सेव करना शुरू कर देता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि सर्विस में सुधार किया जा सके। ऐसे में आप अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए स्मार्ट स्पीकर की इन-ऐप सेटिंग से डेटा स्टोर करने का तरीका बदल सकते हैं।

टू-फैक्टर ऑथराइजेशन ऑन कर लें

Amazon के Alexa स्मार्ट स्पीकर से ग्रॉसरी जैसी कई चीजें आसानी से खरीदी जा सकती हैं। लेकिन, कोई और भी इससे चीजें खरीद सकता है और आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए टू-फैक्टर ऑथराइजेशन ऑन कर लें। यह आपके मोबाइल फोन पर पहला कोड लाएगा।

थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर का जोखिम

इन स्मार्ट स्पीकर्स के कुछ कमांड और स्किल्स थर्ड-पार्टी डेवलपर्स द्वारा बनाए गए हैं। ऐसे में यहां से भी डेटा को खतरा हो सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इस खतरे से बचने के लिए यूजर्स को केवल फर्स्ट-पार्टी डेवलपर्स द्वारा पेश किए गए स्किल्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

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