साइबर हमलों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। हैकर्स हैकिंग के लिए नए तकनीक को फॉलो कर रहे हैं। ऐसे में साइबर सुरक्षा के लिए नए निर्माण की आवश्यक्ता है। हालांकि भारत सरकार इसके लिए लगातार काम कर रही है।
सिस्को में सुरक्षा और सहयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक जीतू पटेल ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि साइबर हमले बड़े हो गए हैं क्योंकि खतरों की जटिलता बढ़ गई है। हमलावरों का सोफिस्टिकेशन 5 से 7 साल पहले की तुलना में अधिक हो गया है, यानी अब हैकर्स नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं।
चीनी हैकर्स अधिक हैं एक्टिव
सीक्रेट सर्विस ने दिसंबर के शुरुआत में कहा कि चीनी हैकरों ने 2020 के बाद से लाखों डॉलर के अमेरिकी कोविड राहत कोष की चोरी की है। सीक्रेट सर्विस ने बाकी की जानकारी देने से इनकार कर दिया है लेकिन एक रिपोर्ट की पुष्टि की है, जिसमें कहा गया है कि जो चीनी हैकिंग टीम कथित तौर पर जिम्मेदार है, वह सुरक्षा अनुसंधान समुदाय के भीतर APT41 या Winnti के रूप में जानी जाती है। APT41 एक साइबर अपराधी समूह है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सरकार समर्थित साइबर घुसपैठ और वित्तीय डाटा चोरी से जुड़ा काम करता है।
सॉफ्टवेयर से लेकर टेलिकॉम, सोशल मीडिया और वीडियो गेम डेवलप करने वाली 100 से अधिक कंपनियों की जासूसी करने के लिए अमेरिकी न्याय विभाग ने साल 2019 और 2020 में हैकिंग समूह के कई सदस्यों पर आरोप लगाया था। पूर्व डिप्टी अटॉर्नी जनरल जेफरी रोसेन ने कहा, "अफसोस की बात है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने साइबर अपराधियों के लिए चीन को सुरक्षित बनाने का एक अलग रास्ता चुना है। ये अपराधी चीन के बाहर कंप्यूटरों पर हमला करते हैं और बौद्धिक संपदा की चोरी करते हैं।"
बता दें, कुछ दिन AIIMS दिल्ली का सर्वर भी हैक हो गया था, जिसके बाद सेंट्रल फोरेंसिक लैब की दिल्ली और अहमदाबाद की टीम को इस इन्फेक्टेड सर्वर की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कैसे करें खुद का बचाव
जब इतनी बड़ी-बड़ी संस्थाएं हैकिंग का शिकार हो जा रही है तो आम लोग तो आसानी से इसके जाल में फंस सकते हैं। ऐसे में उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। कोई भी अननोन नंबर से कॉल करे तो उन्हें रिप्लाई नहीं देना है, या उनके द्वारा मांगी गई किसी भी तरह की पर्सनल डिटेल शेयर नहीं करनी है। ऐसा करने पर आप ठगी के शिकार हो सकते हैं। ओटीपी कभी भी किसी को ना बताएं। ये बेहद जरूरी बात है।