AC का इस्तेमाल अब रूम ठंडा करने के अलावा पानी साफ करने में भी किया जाएगा। इसकी मदद से साफ किए गए पानी का यूज हम लोग पीने में कर सकते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकतार्ओं की एक टीम ने एक नई तकनीक विकसित की है, जो AC को किफायती एयर प्यूरीफायर में बदल देती है।
इस तकनीक को किया गया है विकसित
एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, आईआईटी कानपुर और आईआईटी बेंगलुरु के शोधकतार्ओं ने एक एंटी-माइक्रोबियल एयर प्यूरिफिकेशन टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसका उपयोग एयर फिल्टर द्वारा किया जाता है। आईआईटी कानपुर में इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन के प्रोफेसर-इन-चार्ज अंकुश शर्मा ने एक बयान में कहा कि इन एयर फिल्टर में उपयोग की गई नई वायु शोधन तकनीक ने हमें जानलेवा वायरस से बचाने की दिशा में अपनी एफिशिएंसी को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है। यह इनोवेशन रिसर्च एवं विकास कार्य आईआईटी कानपुर में किया गया है।
99 प्रतिशत फिल्ट्रेशन एफिशिएंसी
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्दियों में आईआईटी कानपुर के इस नए एयर फिल्टर सिस्टम से लैस एक एयर कंडीशनर 99 प्रतिशत फिल्ट्रेशन एफिशिएंसी के साथ हवा को शुद्ध कर सकता है। आईआईटी कानपुर में इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन के सहायक प्रोफेसर-इन-चार्ज अमिताभ बंद्योपाध्याय ने एक बयान में कहा कि इस स्वदेशी क्रांतिकारी इनोवेशन को वैश्विक बाजार में सफल होने की जबरदस्त क्षमता रखता है। यह लॉन्च दुनिया की महत्वपूर्ण समस्याओं को पूरा करने वाली तकनीक का संकेत है। इस टेक्नोलॉजी की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। अगर इसका इस्तेमाल व्यापक रूप से शुरु हो जाता है तब इसे दोनों स्थितियों में उपयोग में लाया जा सकेगा।
इन सभी मानकों पर उतरता है खरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नए प्रकार का एयर फिल्टर माइक्रोबियल विकास को प्रतिबंधित करने के लिए साबित हुआ है और पीएम 2.5, पीएम 10, धूल, पराग, एलर्जी और हवा से कीटाणुओं को शुद्ध करने में सक्षम है।