नई दिल्ली। यूरोपियन यूनियन रेगूलेटर्स ने फेसबुक इंक की चैट सर्विस व्हाट्सएप पर 22.5 करोड़ यूरो (26.6 करोड़ डॉलर) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना नागरिकों के डाटा के साथ उसने क्या किया इस बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध न करवाने के कारण लगाया गया है। आयरलैंड के डाटा प्रोटेक्शन कमीशन ने अपने सभी ईयू प्रतिनिधियों की ओर से अमेरिका की टेक कंपनी पर गुरुवार को जुर्माना लगाने की घोषणा की। दो महीने के भीतर अमेरिकी टेक कंपनी पर यह दूसरा जुर्माना है।
व्हाट्सएप कमीशन को यह बताने में असफल रहा कि कैसे उसने यूरोपियन लोगों की व्यक्तिगत जानकारी एकत्रित की और इसका कैसे उपयोग किया। व्हाट्सएप पर यह भी आरोप है कि उसने यूजर्स की जानकारी को अन्य फेसबुक कंपनियों के साथ साझा किया। निर्णय के हिस्से के रूप में, रेगूलेटर्स ने व्हाट्सएप को यूरोप के प्राइवेसी कानून के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है।
व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि हम पारदर्शिता को लेकर सुनाए गए फैसले से असंतुष्ट हैं। हमनें 2018 में ही लोगों को पारदर्शिता उपलब्ध कराई थी और जुर्माना पूरी तरह से अनुचित है। जीडीपीआर के तहत, गुरुवार के फैसले को आयरलैंड की कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
व्हाट्सएप पर जो जुर्माना लगाया गया है वह फेसबुक को 2020 में हुए मुनाफे का 0.8 प्रतिशत है। जीडीपीआर लागू होने के बाद यह अबतक का दूसरा सबसे बड़ा जुर्माना है। इससे पहले लग्जमबर्ग ने अमेजन पर जीडीपीआर उल्लंघन को लेकर 74.6 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया था। अमेजन पर आरोप है कि उसने उपभोक्ता डाटा का इस्तेमाल विज्ञापन में किया। फ्रांस के प्राइवेसी रेगूलेटर ने 2019 की शुरुआत में अल्फाबेट इंक के गूगल पर 5 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया था।
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