नई दिल्ली। संकटग्रस्त वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea) के लिए बुरी खबर है। जून में उसे मोबाइल सब्सक्राइर्ब्स के रूप में बड़ा नुकसान हुआ है। इसका फायदा प्रतिस्पर्धी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को हुआ, जिनके ग्राहकों की संख्या इस दौरान क्रमश: 54.6 लाख और 38.1 लाख बढ़ी है। दूरसंचार नियामक ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया ने जून के दौरान 42.8 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ है और इसके कुल ग्राहकों की संख्या घटकर 27.3 करोड़ रह गई।
ट्राई द्वारा जून माह के लिए जारी दूरसंचार उपभोक्ता आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो ने अपनी स्थिति को और मजबूत किया है और इस दौरान उसने 54.6 लाख नए ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा। रिलायंस जियो के कुल ग्राहकों की संख्या जून में बढ़कर 43.6 करोड़ हो गई। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली टेलीकॉम कंपनी वायरलाइन श्रेणी में भी नए ग्राहकों को जोड़ने में सबसे आगे रही। इस श्रेणी में कंपनी ने 1.87 लाख नए ग्राहक जोड़े।
वहीं दूसरी प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने जून में 38.1 लाख नए ग्राहक हासिल किए और इसके साथ ही कंपनी के कुल ग्राहकों की संख्या बढ़कर 35.2 करोड़ हो गई। भारत में जून 2021 में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 120.2 करोड़ हो गई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान शहरी टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी है, जबकि ग्रामीण उपभोक्ताओं की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई।
ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक जून 2021 के दौरान 440 ऑपरेटर्स से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जून 2021 में ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या बढ़र 79.2 करोड़ हो गई, जो मई 2021 में 78 करोड़ थी। ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या में मासिक वृद्धि दर 1.60 प्रतिशत रही। जून अंत तक कुल ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की बाजार हिस्सेदारी में शीर्ष पांच सर्विस प्रदाताओं की हिस्सेदारी 98.7 प्रतिशत है।
इन सर्विस प्रदाताओं में रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (43.39 करोड़), भारती एयरटेल (19.71 करोड़), वोडाफोन आइडिया (12.14 करोड़), बीएसएनएल (2.26 करोड़) और एट्रिया कन्वर्जेंस (19.1 लाख) शामिल हैं। हाल ही में कुमार मंगलम बिड़ला ने वोडाफोन आइडिया लि. के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी को संकट से बचाने के लिए उन्होंने आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी सरकार को सौंपने की भी पेशकश की थी।
वोडाफोन आइडिया के पहली तिमाही के नतीजों के मुताबिक कंपनी को कुल सकल ऋण 1,91,590 करोड़ रुपये है। इसमें डेफर्स स्पेक्ट्रम पेमेंट 1,06,010 करोड़ रुपये और एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) देनदारी 62,180 करोड़ रुपये शामिल है।
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