नई दिल्ली। भारत में लोकप्रिय चीनी शॉर्ट वीडियो एप TikTok पर प्रतिबंध लगने के बाद इसकी पैरेंट कंपनी बाइटडैंस (ByteDance) ने कहा है कि वह भारतीय बाजार के लिए बहुत आशावादी है और उसकी योजना अगले तीन सालों में यहां 1 अरब डॉलर का निवेश करने की है। बाइटडैंस को दुनिया के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप के तौर पर जाना जाता है और इसमें सॉफ्टबैंक, जनरल एटलांटिक, केकेआर और सेकोइया जैसे निवेशकों का पैसा लगा है। यह भारत में हेला और वीगो वीडियो जैसे प्लेटफॉर्म का भी संचालन करती है।
बाइटडैंस की डायरेक्टर (इंटरनेशनल पब्लिक पॉलिसी) हेलेना लर्श ने कहा कि कंपनी पिछले कई महीनों से अपनी कंटेंट मॉडेरेशन पॉलिसी को मजबूत बनाने का काम कर रही है। हालिया घटनाक्रम से हम निराश हैं लेकिन हम इस बात के लिए आशावादी भी हैं कि हम इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे। हम अपने भारतीय यूजर्स के लिए प्रतिबद्ध बने रहेंगे। कंपनी के तौर पर, हम भारत में अगले तीन साल में एक अरब डॉलर का निवेश करने की योजना पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कंपनी भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ा रही है और इस साल के अंत तक इनकी संख्या 1,000 तक पहुंच जाएगी। वर्तमान में 250 कंटेंट मॉडरेटर काम कर रहे हैं। टिकटॉक, जो यूजर्स को शॉर्ट वीडियो बनाने और उसे शेयर करने की अनुमति देता है, के भारत में 12 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं और यह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है।
मद्रास हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई है कि टिकटॉक पर पोर्नोग्राफी और इस तरह के कंटेंट युवाओं को आसानी से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुद्रास हाईकोर्ट के ऑर्डर पर स्टे लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद गूगल और एप्पल ने टिकटॉक को अपने एप स्टोर से हटा दिया।
जिन लोगों ने टिकटॉक को पहले ही डाउनलोड कर रखा है, वह पहले की तरह इसका उपयोग करना जारी रख पाएंगे। लर्स ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह अभी कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में इस पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी इसके बाद 24 अप्रैल को मद्रास हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी।