नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि मौजूदा मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान के सत्यापन की कारगर व्यवस्था एक साल के भीतर शुरू की जाए। कोर्ट ने कहा कि एक साल के भीतर हर फोन ग्राहक को आधार नंबर से जोड़ा जाए। कोर्ट ने सिम कार्ड के मिस यूज को रोकने के लिए यह आदेश दिया है।
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने प्री-पेड उपभोक्ताओं की संख्या करोड़ों में है और उनका सत्यापन एक साल के भीतर किया जाना चाहिए।
एक साल के भीतर कानून बनाने को कहा…
- सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कहा है कि प्री पेड सिम धारक जब भी रिचार्ज कराने जाए तो वह उसका फॉर्म जमा कराए जाए।
- कोर्ट का कहना है कि अगर केन्द्र सरकार इसको लेकर एक साल के भीतर कानून बनाती है तो सिम कार्ड के मिस यूज को रोका जा सकता है।
- कोर्ट गैर सरकारी संगठन लोक फाउंडेशन की इस मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। फाउंडेशन ने जनहित याचिका दाखिल की थी।
- इस याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार और ट्राई को निर्देश दियाजाए कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और अन्य जानकारी उपलब्ध हों।
- कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के न दी जाए।
तस्वीरों में देखिए कैसे करें Gmail पर आईडी ब्लॉक
how to block Gmail ID
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
कोर्ट का कहना है कि मोबाइल फोन की वैरिफिकेशन बैंकिंग इस्तेमाल के लिए बहुत जरूरी है। इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वाले लोगों की वैरिफिकेशन का क्या तरीका है। इस बारे में कोर्ट ने केन्द्र सरकार को दो हफ्तों का समय दिया था।