नई दिल्ली। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों के विभिन्न लाइसेंसों के नवीनीकरण का समय नजदीक आने के बीच दूरसंचार विभाग अक्टूबर से पहले स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना पर काम कर रहा है। इस नीलामी में 5जी सेवाओं से जुड़े स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी नहीं किए जाने की संभावना है। इस प्रक्रिया में शामिल सूत्र ने बताया कि विभाग इस संबंध में मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए एक नोट तैयार कर रहा है। पूर्व के प्रस्तावों के विपरीत इसमें 5जी सेवाओं के लिए मुफीद 3,300 से 3,600 मेगाहर्ट्ज के बैंड को शामिल नहीं किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने 5जी बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की मांग की है, जिसके बाद दूरसंचार विभाग के पास नीलामी के लिए 175 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम ही बच जाएगा। सूत्र ने बताया कि इसे लेकर विभाग और रक्षा मंत्रालय के बीच बातचीत चल रही है। हालांकि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के कई सारे लाइसेंस की अवधि समाप्त हो रही है और अपनी दूरसंचार सेवाएं जारी रखने के लिए उन्हें इसका नवीनीकरण कराना होगा। इसलिए उन्हें स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगानी होगी। इसलिए दूरसंचार विभाग अन्य बैंड के स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा।
अक्टूबर से पहले विभाग का 8,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलाम करने का प्रस्ताव है। इसमें 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी की जानी है। इसका कुल मूल्य करीब तीन लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। सूत्र ने बताया कि विभाग 22 मई तक इसके लिए किसी नीलामीकर्ता के नाम को तय कर सकता है। यही एजेंसी नीलामी के लिए सॉफ्टवेयर का विकास और प्रबंधन करेगी। नीलामी की समयसीमा भी चुनी गई कंपनी पर निर्भर करेगी।
सूत्र ने बताया कि नीलामी फर्म के चयन की तकनीकी दौर की निविदा में चार को योग्य पाया गया है। इसमें दो कंपनियों के पास स्पेक्ट्रम नीलामी का भी अनुभव है। यदि अनुभवी कंपनी को चुना जाता है तो नीलामी को दो महीने में अन्यथा तीन महीने शुरू की जा सकती है। लेकिन यह अक्टूबर से आगे नहीं खिसकेगी।