
smartphone brand Lava seeks UP CM intervention in alleged sourcing anomalies of smartphones
नई दिल्ली। स्मार्टफोन व फीचर फोन बनाने वाली घरेलू कंपनी लावा इंटरनेशनल (Lava International) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर राज्य के महिला और बाल विकास विभाग द्वारा स्मार्टफोन खरीदने के मामले की जांच की मांग की है। लावा इंटरनेशनल ने 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि उसे अनुचित कारणों के आधार पर खरीद प्रक्रिया से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
कंपनी के अनुसार विभाग ने मोबाइल फोन के प्रदर्शन को लेकर जो कारण बताए हैं, वे पूरी तरह अप्रासंगिक हैं। लावा द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के अनुसार कंपनी को मूल देश, सर्विस एप के प्रासंगिक नहीं होने तथा पहले के प्रदर्शन के मापदंडों के आधार पर उसे अयोग्य करार दिया गया। लावा ने पत्र में दावा किया है कि यह दु:खद है कि पहले से चीनी वायरस के हमले से जूझ रहे उत्तर प्रदेश जैसे बड़े लोकतांत्रिक राज्य के लोगों को फिर से विभाग की मदद से कुछ विदेशी कंपनियों के बड़े घोटाले का सामना करना पड़ा है। विभाग की यह जिम्मेदारी थी कि वह आम लोगों के बोझ को कम करे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
इस बारे में राज्य सरकार से सवाल पूछे गए, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। लावा ने विभाग के सभी दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह एक भारतीय कंपनी है और उसने सभी संबंधित दस्तावेज जमा किए। कंपनी का विनिर्माण संयंत्र उत्तर प्रदेश में है। लावा ने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि हमारे अनुरोध पर विचार किया जाए और कंपनी तथा भारतीय ब्रांड को भू सीमा के आधार पर अयोग्य ठहराने में शामिल अधिकारियों के बीच साठगांठ की तत्काल जांच शुरू की जाए। यह हर कोई जानता है कि लावा भारतीय ब्रांड है। एप के बारे में कंपनी ने कहा कि यह खरीद की निविदा की शर्तों को पूरा करता है। इसमें सर्विस फोन नंबर के लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध है।
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