नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इस साल ग्राहक और राजस्व के मामले में भारत की नंबर वन टेलीकॉम कंपनी बन जाएगी। ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टेन और क्रेडिट सुइस ने अलग-अलग रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है।
जियो ने 2016 में फ्री वॉइस कॉल्स और सस्ते डाटा की पेशकश कर भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में तबाही मचा दी थी। बर्नस्टेन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस जियो अब मुनाफे में आ गई है और अब तक किए गए निवेश पर उसे सकारात्मक रिटर्न भी मिलने लगा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) के बढ़ने से कंपनी का घाटा कम होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 महीनों के दौरान उम्मीद है कि जियो सब्सक्राइर्ब्स और सर्विस रेवेन्यू दोनों मामलों में नंबर वन कंपनी बन जाएगी।
वोडाफोन-आइडिया 38.7 करोड़ सब्सक्राइर्ब्स के साथ वर्तमान में सबसे बड़ी कंपनी है। इसके बाद एयरटेल का नंबर है, जिसके 28.4 करोड़ सब्सक्राइर्ब्स हैं। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत में रिलायंस जियो के सब्सक्राइर्ब्स की संख्या 28.01 करोड़ थी।
क्रेडिट सुइस ने अपनी अलग रिपोर्ट में कहा है कि दिसंबर तिमाही के इंडस्ट्री आंकड़ों से पता चलता है कि रेवेन्यू मार्केट शेयर के मामले में जियो धीरे-धीरे वोडाफोन और भारतीय एयरटेल के बराबर पहुंच गई है। तीनों ही कंपनियों के बीच 3 प्रतिशत का ही अंतर रह गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 टेलीकॉम सर्कल में से 18 में जियो नंबर 1 या नंबर 2 है।
क्रेडिट सुइस ने कहा है कि मार्केट शेयर हासिल करने का जो रुख है उसकी मदद से जियो अगली कुछ तिमाहियों में ही नंबर 2 या नंबर 1 का स्थान हासिल कर लेगी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जियो का राजस्व 10,380 करोड़ रुपए रहा, जो इस दौरान एयरटेल के राजस्व 10,060 करोड़ रुपए से ज्यादा है। वोडाफोन-आइडिया का राजस्व इस दौरान 11,700 करोड़ रुपए रहा।