नयी दिल्ली। 2016 में लॉन्च हुई जियो की सर्विस ने सबसे अधिक नुकसान मार्केट लीडर एयरटेल और वोडाफोन को ही पहुंचाया है। लेकिन अब मुकेश अंबानी की यह कंपनी सैमसंग, शाओमी, नोकिया, माइक्रोमैक्स जैसी फीचर और स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के लिए मुसीबत खड़ी कर रही है। रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट की एक रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2017 को समाप्त तिमाही में देश के फीचर फोन सेक्टर में रिलायंस जियो 26 प्रतिशत बाजार भागीदारी के साथ अव्वल रही। कंपनी अपने फीचर फोन जियोफोन ब्रांड नाम से बेच रही है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछली तिमाही में इस सेक्टर में सैमसंग की भागीदारी घटकर 15 प्रतिशत रह गयी जो सितंबर 2017 में 23 प्रतिशत थी। एक साल पहले सैमसंग की इस सेक्टर में 25 प्रतिशत बाजार भागीदारी थी। इसके अनुसार 2017 की चौथी तिमाही में लगभग 5.5 करोड़ फीचर फोन बिके गए जो कि सालाना आधार पर 55 प्रतिशत अधिक है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च के विश्लेषक करण चौहान ने कहा, जियोफोन के प्रवेश से फीचर फोन सेक्टर को बल मिला है और इससे इस सेक्टर का विस्तार हुआ। पांच शीर्ष फीचर फोन ब्रांड में माइक्रोमैक्स, आईटेल व एचएमडी (नोकिया) भी है।
घट रही है स्मार्टफोन की बिक्री
रिलायंस जियो ने सिर्फ फीचर फोन बाजार पर भी कब्जा नहीं जमाया है, बल्कि यह स्मार्टफोन बाजार पर भी चोट कर रही है। जर्मनी की रिसर्च कंपनी जीएफके के अनुसार साल 2017 की चौथी तिमाही में देश में इसमें 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का एक प्रमुख कारण रिलायंस जियो फोन की तरह ही कम कीमत वाले 4जी फीचर फोन्स की बिक्री में बढ़ना है। मार्केट रिसर्च कंपनी ने कहा, "एशिया के उभरते बाजारों में साल 2017 की चौथी तिमाही में 5.86 करोड़ स्मार्टफोन्स की बिक्री हुई, जो कि साल-दर-साल आधार पर 1 फीसदी की गिरावट है।"