नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि आपका मोबाइल फोन आपको बीमार भी बना सकता है। जर्मनी के फेडरल ऑफिस ऑफ रेडिएशन प्रोटेक्शन की रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर स्टेटिस्टा ने रेडिएशन फैलाने वाले स्मार्टफोन की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें लोकप्रिय कंपनियों शाओमी, वनप्लस, एचटीसी, गूगल, एप्पल, जेडटीई और सोनी जैसे ब्रांड शामिल हैं।
कितना होना चाहिए रेडिएशन लेवल
मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन लेवल को एसएआर यानी स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट लेवल से नापा जाता है। प्रत्येक मोबाइल हैंडसेट का एक स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट होता है। एसएआर संख्या जितनी ज्यादा होगी, वह मानव शरीर के लिए उतना ज्यादा ही नुकसानदेह होगा। मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशन के अनुसार किसी भी स्मार्टफोन, टैबलेट या अन्य स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन लेवल 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
ऐसे चेक करें अपने मोबाइल का रेडिएशन लेवल
स्मार्टफोन खरीदते समय फीचर्स के साथ ही साथ उसका रेडिएशन लेवल भी देखना बहुत जरूरी है। वैसे तो रेडिएशन लेवल बताना सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य है, लेकिन अगर आप ऑफलाइन रिटेल स्टोर से फोन खरीद रहे हैं तो मोबाइल पर *#07# डायर करें। इसे डायल करते ही स्क्रीन पर उस फोन की रेडिएशन संबंधी जानकारी आ जाएगी। इसमें दो तरह से रेडिएशन लेवल को दिखाया जाता है। एक हेड और दूसरा बॉडी। हेड का मतलब है कि फोन को कान पर रखकर बात करने के समय मोबाइल का रेडिएशन। बॉडी का मतलब है कि जेब में रखने के दौरान रेडिएशन लेवल क्या है।
क्या है मोबाइल रेडिएशन और कितना है खतरनाक
रेडियोफ्रिक्वेंसी रेडिएशन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का एक प्रकार है। मोबाइल फोन रेडिएशन को नॉन-आइयोनाइजिंग कैटेगरी में रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2010 में आई रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल रेडिएशन से कैंसर होने तक का खतरा होता है।