बीजिंग। चीन की मोबाइल फोन विनिर्माता कंपनी वन प्लस आज यानी 13 जनवरी को चीन के शंघाई में 120 हट्र्ज रिफ्रेश रेट का स्मार्टफोन बाजार में उतारने जा रही है। यह जानकारी कंपनी की ओर से चीनी मीडिया को भेजे गए आमंत्रण पत्र से मिली। कंपनी ऐसे समय में यह फोन लाने जा रही है जब क्वालकॉम स्नैपड्रेगन 865 सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) में हायर रिफ्रेश रेट को पूरा सपोर्ट कर रही है।
इस बीच अटकलें तेज हैं कि सैमसंग भी अपने गैलेक्सी एस-11 (या एस-20) के साथ 120 हट्र्ज डिस्प्ले का स्मार्टफोन लाने जा रही है। गौरतलब है कि 120 हट्र्ज गजब ढाने वाला है क्योंकि 90 हट्र्ज में 60 हट्र्ज के मुकाबले काफी शानदार नजारे का अनुभव मिलता है। ऐसे में 120 हट्र्ज से और भी शानदार अनुभव मिलेगा।
जानिए क्या होता है रिफ्रेश रेट?
अगर रिफ्रेश रेट को समझें तो इसका सीधा मतलब है की आपके फोन की डिस्प्ले एक सेकेंड में कितनी बार इमेज को रिफ्रेश करती है जिसको सामान्य तौर पर Hz में नापा जाता है। अभी के लिए ज्यादातर स्मार्टफोनों में 60Hz रिफ्रेश रेट डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाता है या कहें कि अगर आप डिस्प्ले पर इमेज भी देख रहे है तो आपकी डिस्प्ले उसी फ्रेम को हर सेकंड में 60 बार रि-ड्रा करती है।
यहाँ एक और चीज आती है तो है फ्रेम पर सेकंड मतलब fps। काफी लोग हायर-रिफ्रेश रेट और हायर-फ्रेम रेट के बीच कंफ्यूज हो जाते है। तो चलिये Hz vs FPS भी समझ लेते है। FPS का मतलब होता है कि आपकी डिस्प्ले हर सेकंड में आपको कितने फ्रेम दिखा सकती है जो मुख्य रूप से मीडिया कंटेंट या गेमिंग से जुड़ा है।
तो अगर आपने विडियो को 90fps पर शूट किया है और आपकी डिस्प्ले 90Hz रिफ्रेश रेट वाली है तो आपका फोन सभी फ्रेम को आसानी से दिखा सकता है। ठीक इसी तरह आप 90fps गेम और वीडियो को 90hz रिफ्रेश रेट डिस्प्ले पर इस्तेमाल कर सकते है लेकिन आप 90fps गेम को 60hz रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले पर नहीं खेल सकते है। अगर आप 60fps कंटेंट को 90Hz स्क्रीन पर इस्तेमाल करेंगे तो डिस्प्ले 60Hz पर स्विच हो जाएगी या कुछ फ्रेम्स को कॉपी करेगी।
ज्यादा रिफ्रेश रेट डिस्प्ले की खूबियाँ और कमियाँ
खूबियां- स्मूथ स्क्रॉलिंग एंड एनीमेशन, आँखों को कम नुकसान
कमियां- ज्यादा बैटरी खपत