नई दिल्ली। घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड माइक्रोमैक्स ने शुक्रवार को एक नए स्मार्टफोन सब ब्रांड 'इन' का अनावरण किया। कंपनी ने कहा है कि वह जल्द ही नए उप-ब्रांड के तहत उत्पादों की एक नई रेंज पेश करेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा, स्मार्टफोन सेगमेंट में फिर से प्रवेश करने और शाओमी जैसी चीनी कंपनियों को कड़ी टक्कर देने के लिए, माइक्रोमैक्स ने 500 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है। उसका लक्ष्य देश के नए युग के उपभोक्ताओं के लिए उत्पाद तैयार करना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत देश में मोबाइल फोन के निर्माण के लिए माइक्रोमैक्स सहित कई गैर-चीनी कंपनियों को मंजूरी दी। माइक्रोमैक्स के पास दो स्थानों भिवाड़ी और हैदराबाद में विनिर्माण सुविधाएं हैं। ब्रांड में प्रति माह 20 लाख से अधिक फोन का उत्पादन करने की क्षमता है।
माइक्रोमैक्स ब्रांड अपने पहले से ही स्थापित खुदरा और वितरण नेटवर्क को मजबूत करने पर भी काम कर रहा है। वर्तमान में, कंपनी की 10,000 से अधिक दुकानों और 1,000 से अधिक सेवा केंद्रों के रूप में खुदरा उपस्थिति है। माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा कि भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित स्मार्टफोन की मांग बहुत अधिक है और भारत-चीन तनाव के बाद इनकी मांग और बढ़ी है।
शर्मा ने कहा कि नए इन ब्रांड के साथ हम एक संपूर्ण रणनीति के साथ कमबैक करना चाहते हैं। हमारे प्रोडक्ट्स नए फीचर्स से लैस होंगे। हम आरएंडडी, मार्केटिंग और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए अगले 12 से 18 माह के दौरान 500 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।
एक समय माइक्रोमैक्स मार्केट लीडर हुआ करती थी, लेकिन शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसी चीनी कंपनियों ने अपनी अक्रामक कीमत वाले स्मार्टफोन और बड़े मार्केटिंग खर्च की दम पर बाजार पर कब्जा जमा लिया। हालांकि, कोविड-19 के कारण आपूर्ति बाधा और चीन विरोधी भावना बढ़ने से चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स का मार्केट शेयर जून 2020 तिमाही में घटकर 72 प्रतिशत हो गया, जो इससे पहले तिमाही में 81 प्रतिशत था।
शर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य इंडिया-मेड मोबाइल फोन के साथ भारत को ग्लोबल स्मार्टफोन नक्शे पर दोबारा स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि हम 7000 से लेकर 20000 रुपए की रेंज में स्मार्टफोन लॉन्च करेंगे और प्रीमियम सेगमेंट में भी प्रवेश करेंगे।