नई दिल्ली। भारत में समार्टफोन बनाने वाली दिग्गज कंपनी शाओमी ने इसी साल सबसे ज्यादा फोन बेचने का रिकॉर्ड हासिल किया है। सस्ती कीमत में शानदार प्रोडक्ट डिलिवरी के चलते कंपनी ने बहुत ही कम समय में यह मुकाम हासिल किया है। लेकिन यूरोपियन जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन(जीडीपीआर) आने के बाद कंपनी का अपनी प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़े नियम बदलने पड़े हैं। कंपनी ने मई में ही इससे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी थी। कंपनी ने पॉलिसी से जुड़े कुछ नए नियम बनाए हैं। अगर आप श्याओमी का फोन खरीदने का सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें कि आप पहले इन्हें भली प्रकार जान लें।
कंपनी ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बताया है कि अब ग्राहक की बेसिक जानकारी कंपनी के पास ही रहेगी। प्राइवेसी पॉलिसी के अंतर्गत कंपनी आपकी बेसिक पर्सनल इंफॉर्मेशन को कलेक्ट कर सकती है जिसमें आपका नाम, जन्मदिन, जेंडर आदि जानकारियां शामिल होती हैं। आपकी पर्सनल इंफोर्मेशन उनके सर्वर पर अपलोड हो सकती हैं।
इसके अलावा शाओमी का स्मार्टफोन खरीदते वक्त कंपनी को अपने कॉन्टैक्ट नंबर, ईमेल एड्रेस और फोन में उपलब्ध दूसरी कॉन्टैक्ट इंफॉर्मेशन कलेक्ट करने की परमीशन देते हैं। शाओमी की नई पॉलिसी में साफ तौर पर लिखा है कि कंपनी मी.कॉम और दूसरे शाओमी प्लेटफॉर्म से की गई खरीदारी के लिए फाइनेशियल इंफॉर्मेशन का रिकॉर्ड रख सकती है। इसका मतलब ये हुआ कि कंपनी के पास कस्टमर्स के अकाउंट नंबर, अकाउंट होल्डर का नाम, क्रेडिट कार्ड नंबर और दूसरी डिटेल सेव रह सकती हैं।
इसके अलावा कंपनी ने बताया है कि शाओमी सोशल एक्टिविटीज से संबंधित सोशल इंफोर्मेशन को भी कलेक्ट कर सकती है जिसमें करंट जॉब, एजुकेशन बैकग्राउंड, प्रोफेशनल ट्रैनिंग जैसी जानकारियां रहेंगी। मी.कॉम पर प्रोडक्ट खरीदने के लिए हम शाओमी को अपना होम डिलिवरी एड्रेस प्रदान करते हैं, कंपनी उसे भी सेव कर सकती है। शाओमी की नई पॉलिसी के तहत कंपनी यूजर की आईडी कार्ड जैसे की पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि को सेव कर सकती है।
हालांकि शाओमी ने यूजर्स को ऑप्शन दिया है जिससे वे कंपनी को ऐसा करने से रोक सकते हैं लेकिन अगर वे इस ऑप्शन को सिलेक्ट करते हैं तो वे श्याओमी के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का यूज नहीं कर पाएंगे।