रिलायंस जियो (Reliance Jio) जल्द ही गूगल के साथ साझेदारी में नया स्मार्टफोन Jio Phone Next लॉन्च करने जा रहा है। यह फोन दिवाली के आसपास लॉन्च किया जाएगा। लेकिन इससे पहले जियो ने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने मौजूदा जियो फोन के साथ मिलने वाले दो सस्ते एवं लोकप्रिय प्लान को भी बंद कर दिया है। फिलहाल कंपनी की वेबसाइट और ऐप पर 39 रुपये और 69 रुपये वाले प्लान दिखाई नहीं दे रहे हैं। माना जा रहा है कि कंपनी जियो फोन नेक्स्ट के लॉन्च होने के बाद अपने मौजूदा जियो फोन के प्लान में बदलाव कर सकता है।
Reliance Jio के 39 रुपये के प्लान की बात करें तो इसमें यूज़र्स को 100MB डेली डाटा, 100 एसएमएस, किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड वॉयस कॉल की सुविधा मिलती है। इस प्लान की वैलिडिटी 14 दिन की है। वहीं, 69 रुपये के प्रीपेड रीचार्ज पैक में रोजाना 0.5 जीबी डाटा, अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और 100 एसएमएस की सुविधा मिलती है। इस प्लान की वैलिडिटी भी 14 दिन की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये प्रीपेड रीचार्ज प्लान बंद करने के साथ ही कंपनी ने बाय 1 गेट 1 प्लान भी बंद कर दिया है। इसमें यूज़र्स को एक रीचार्ज पर अगला रीचार्ज बिल्कुल मुफ्त प्राप्त होता है। कंपनी ने यह ऑफर कोरोना वायरस महामारी के दौरान पेश किया था।
JioPhone Next की लॉन्चिंग टली
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की नई टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने अपने बहुप्रतीक्षित किफायती स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट (JioPhone Next) की लॉन्चिंग को फिलहाल टाल दिया है। कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि जियोफोन नेक्स्ट अभी परीक्षण के उन्नत चरण में है और इसे बाजार में दिवाली के त्योहारी सीजन से पहले लॉन्च किया जाएगा। इस फोन को पहले 10 सितंबर को लॉन्च करने की घोषणा की गई थी। जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम सभा में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने घोषणा की थी कि जियो और गूगल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा जियोफोन नेक्स्ट 10 सितंबर से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। जियो ने एक बयान में कहा है कि दोनों कंपनियों ने आगे और सुधार के लिए सीमित उपयोगकर्ताओं के साथ जियोफोन नेक्स्ट का परीक्षण शुरू कर दिया है और दीवाली के त्योहारी सीजन तक इसे अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय रूप से काम जारी है। बयान में आगे कहा गया कि इस अतिरिक्त समय से वैश्विक स्तर पर पूरे उद्योग में देखी जा रही अर्धचालकों की कमी को कम करने में भी मदद मिलेगी।