नई दिल्ली। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने गुरुवार को कहा कि कंपनी एक किफायती स्मार्टफोन बनाने के लिए जियो के साथ मिलकर काम कर रही है। गूगल ने पिछले साल 33,737 करोड़ रुपये में जियो प्लेटफॉर्म्स की 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। दोनों कंपनियों ने एक किफायती स्मार्टफोन बनाने के लिए एक वाणिज्यिक समझौता भी किया था।
पिचाई ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चुनिंदा पत्रकारों के साथ आभासी कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम एक किफायती फोन बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम जियो के साथ काम कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस फोन को पेश किए जाने की संभावित तारीख और कीमत के बारे में नहीं बताया। सस्ती डेटा दरों के साथ ही किफायती स्मार्टफोन की उपलब्धता से देश भर में अधिक लोगों तक इंटरनेट की पहुंच बनाने में मदद मिल सकती है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में गूगल का निवेश गूगल फॉर इंडिया डिजिटाइजेशन फंड का हिस्सा था, जिसकी घोषणा पिछले साल की गई थी। पिचाई ने गुरुवार को कहा कि गूगल अपने 10 अरब अमेरिकी डॉलर के भारतीय डिजिटाइजेशन फंड (आईडीएफ) से निवेश के नए अवसरों की भी तलाश कर रही है और इस साल के अंत में कुछ घोषणाएं की जाएंगी। पिचाई ने कहा कि महामारी ने लोगों के जीवन में प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित किया है।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकेंगे नए नियम, व्हाट्सएप यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि व्हाट्सऐप उपयोगकर्ताओं को नए सोशल मीडिया नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है और ये नियम इन मंचों के दुरुपयोग को रोकने के लिए तैयार किए गए हैं उन्होंने आगे कहा कि नए नियमों के तहत उपयोगकर्ताओं के पास शिकायत निवारण के लिए एक मजबूत तंत्र होगा। प्रसाद ने कहा कि सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचनाओं का स्वागत करती है।
प्रसाद ने माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू पर पोस्ट किया, और साथ ही ट्वीट भी किया, नए नियम किसी दुर्व्यवहार और दुरुपयोग की स्थिति में सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं सशक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह से मानती है और उसका सम्मान करती है। प्रसाद ने कहा कि व्हाट्सऐप के आम उपयोगकर्ताओं को नए नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इनका मूल मकसद यह पता लगाना है कि नियमों में उल्लिखित विशिष्ट अपराधों को अंजाम देने वाले संदेश को किसने शुरू किया। उन्होंने कहा कि नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को एक भारत केंद्रित शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी, ताकि सोशल मीडिया के लाखों उपयोगकर्ताओं को उनकी शिकायत के निवारण के लिए एक मंच मिल सके।