नई दिल्ली। देश को 2018 की पहली छमाही में सबसे ज्यादा साइबर हमले रूस, अमेरिका, चीन और नीदरलैंड जैसे देशों की ओर से झेलने पड़े हैं। साइबर सुरक्षा कंपनी एफ-सिक्योर के मुताबिक जनवरी-जून 2018 में इस तरह की 4.36 लाख से ज्यादा घटनाएं हुईं। वहीं इस अवधि में भारत की ओर किए गए साइबर हमले झेलने वाले शीर्ष पांच देश ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन, जापान और यूक्रेन हैं। इन देशों पर भारत से कुल 35,563 साइबर हमले किए गए।
एफ-सिक्योर की रिपोर्ट के अनुसार उसने यह आंकड़े हनीपॉट्स से जुटाए हैं। कंपनी का कहना है कि उसने दुनियाभर में ऐसे 41 से ज्यादा हनीपॉट्स लगाए हैं, जो साइबर अपराधियों पर बगुले की तरह ध्यान लगाकर नजर रखते हैं। साथ ही यह नवीनतम मालवेयर के नमूने और नई हैकिंग तकनीकों के आंकड़े भी जुटाते हैं।
हनीपॉट्स मूल रूप में प्रलोभन देने वाले सर्वर की तरह काम करते हैं, जो किसी कारोबार के सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे का अनुकरण करते हैं। यह हमला करने वालों के लिए होते हैं। यह वास्तविक कंपनियों के सर्वर की तरह दिखते हैं, जो आमतौर पर कमजोर होते हैं। एफ-सिक्योर के अनुसार इस तरीके से हमले के तरीकों को करीब से जानने में मदद मिलती है। साथ ही हमलावरों ने सबसे ज्यादा किस को लक्ष्य बनाया, स्रोत क्या रहा, कितनी बार हमला किया और इसके तरीके, तकनीक और प्रक्रिया क्या रही, यह सब जानने में भी मदद मिलती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले करने वाले पांच प्रमुख देशों में रूस शीर्ष पर रहा। रूस से भारत में 2,55,589 साइबर हमले, अमेरिका से 1,03,458 हमले, चीन से 42,544 हमले, नीदरलैंड से 19,169 हमले और जर्मनी से 15,330 हमले यानी कुल 4,36,090 साइबर हमले हुए। वहीं भारत से ऑस्ट्रिया में 12,540 साइबर हमले, नीदरलैंड में 9,267 हमले, ब्रिटेन में 6,347 हमले, जापान में 4,701 हमले और यूक्रेन में 3,708 हमले किए गए।